पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english नात ख्वान ज़ोहेब अशरफ़ी की आवाज में बेहतरीन नात शरीफ पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english हैं मेरे ख़यालों में वो एहसास की सूरत, मैं भूल जाऊं उनको ये मुमकिन ही नहीं है, दिल सुनके उनका नाम धड़कता है अदब से, हालांकि उन्हें आंख से देखा भी नहीं है! पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। यह उनकी रज़ा है मुझे भेजें मुझे रोकें, वापस मैं नहीं आऊंगा, सोचा तो यही है। पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। हैं गुंबदे ख़ज़रा के सिवा और भी जलवे, आंखों के लिए ख़ास, नज़ारा तो यही है। पहुचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। इज़हार ए ग़म ए हिज्...
आज कल मालदारी के सबब बे सुमार गुनाह किए जा रहे हैं। इस पोस्ट में आप देखेंगे मालदारों की जूठ की 16 मिसालें।
जुठा जहन्नमि होता हैं :-
आज कल मालदारी के सबब बे सुमार गुनाह किए जा रहे हैं। इन्हीं गुनाहों में यह भी हैं की बा'ज़ मालदार कई मौकों पर माल के तवक्कुल से जूठ बोलते हुवे सुनाई देते हैं।: इस की 16 मिसालें आप मुलाहजा फरमाए लेकिन किसी बात को गुनाह भरा जूठ उसी सूरत में कहां जायेगा जब की वो बात सच की उलट हो और जान बुच कर कहीं गई हों। और उस बात में सरीअत की इजाजत और रुखशत की भी कोई सूरत न हो। मसलन 👇
1. मुझे माल से कोई मोहब्बत नहिं।
2. मैं तो सिर्फ बच्चो के लिए कमाता हूं।
3. मैं तो सिर्फ इस लिए कमाता हूं की हर साल मदीने जा सकूं।
4. मैं तो राहें खुदा में लुटाने के लिए कमाता हुं। (हालांकि सालाना फकत ढाई फीसद जकात निकालने को भी दिल नहीं चाहता, गरीबों को खूब थक्के खिलाए जा रहें होते है।)
5. चोरी होने, डाका पड़ने, आतश से या किसी भी तरह का माली नुक्सान हो जाने पर ये कहना: " मुझे इस बात का कोई गम नहीं" (हालांकि वावेला भी जारी होता हैं।)
6. शानदार कोठी (घर) बंगला बनाकर या नए मॉडल की बेहतरिन कार हासिल करने के बाद कहना: "यार अपना क्या हैं ! ये सब तो बच्चों का शौक पूरा किया हैं।" (हालांकि खुद अपना दिल खूब आसाइश पसंद होता हैं।)
7. इतना कमा लिया हैं की बस अब जी भर गया हैं। (हालांकि केहने वाला बड़े जज्बे के साथ कमाना जारी रखता हैं और नए नए कारोबार सुरू किए जा रहा होता हैं।)
8. मैं बिल्कुल फिजूल खर्ची नहीं करता।(जब की जीने अंदाज कुछ और ही दास्तान सुना रहा होता हैं।)
9. अल्लाह ने बोहोत कुछ दिया है लेकिन हमें सादगी पसन्द हैं। (हालांकि तन के कपड़े , खाने के बरतन, ""सादगी" का मुंह चिढ़ा रहे होते हैं।)
10. मैंने अपने बेटे या बेटी की सादी बहुत सादगी से की हैं। (हालांकि जितना खर्च उस सदी पर हुवा होता हैं उस रकम में गरीब घराने की सायद 100 शादियां हो जाएं।)
11. बस जी सब कुछ बच्चो के हवाले कर दिया हैं, कारोबार से तो अपना कुछ लेना देना ही नहीं हैं। (ये बात कहने वाले को कोई उस वक्त देखे जब वो अपनी औलाद से कारोबार का बा कायदा हिसाब ले रहें होते हैं। )
12. मालदारी की वजह से कभी तकब्बुर नहिं किया।(ऐसा कहने वाले को कोई उस वक्त देखे जब ये किसी गरीब रिश्तेदार को हकारत से धूतकार रहें होते है। या फिर अपने मुलाजिम या नोकर पर बरस रहें होते हैं।)
13.जी चाहता है सब छोड़ छाड़ कर मदीने जा बसूं।(वाकई भी चाहता हो तो मरहबा! वरना जूठ।)
14. कभी किसी पर अपनी मालदारी का रोब नही डाला।(किसके यहां सादी बियाह वगैरह की तरकीब में हसबे मंशा आव भगत (मेहमान नवाजी) न होने की सूरत में उन के मुंह से जरने वाले फूलों को कोई देखे या सुने या किसी जगह पर ये अपना तआरूफ खुद करवाते दिखाई दे की मां बदौलत इतनी इतनी फेक्ट्रियों के मालिक हैं वगैराह वगैराह तो इस जुमले की हकीकत सामने आ जाएगी।)
15. ये मालदारी तो बस जाहिरी है, दिल का तो मैं फ़कीर हुं। (इन का रूहानी सिटी स्कैन करे तो सायद लालच से भरे पड़े हों।)
16.हम अपने मुलाजिमों को नोकर नहीं अपने घर का फर्द समझते हैं। (उन के मुलाजिमों का दिल टटोला जाए तो ढोल का पोल सामने आ जाएगा की इन बिचारों के साथ किस तरह बदतर सुलूक किया जा रहा होता हैं।)
तो ये थे मालदारों के 16 जूठ जो आम तौर पर सारे मालदार नहिं बल्कि ज्यादातर लोग ऐसा करते ही हैं।
ये थी कुछ जरूरी दीनी मालूमात जो हर मोमिन बंदे को जानना जरूरी हैं। ताकि अगर आप ऐसे किसी गुनाह को होता देखे तो आप इसे होने से रोक सके। या किसी के साथ ज्यादती होता देखे तो उसे भी रोक सके।
मालदार होना गलत नहीं है बल्कि अपने इस मालदार होने का रोप जाड़ कर किसी के सामने जूठी सान दिखाना गलत हैं। और जो कुछ भी दिया हुवा है अगर हलाल दौलत है तो वो सब अल्लाह की दी हुवी नेअमत है तो उसका सुक्र अदा करे और दूसरो की मदद करें। नाकी किसिका दिल दुखा कर अपने गुनाहों में इजाफा करे।

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