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S.A.KHALIFA

पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english

  पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon  Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english नात ख्वान ज़ोहेब अशरफ़ी की आवाज में बेहतरीन नात शरीफ  पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon  Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon  Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english हैं मेरे ख़यालों में वो एहसास की सूरत, मैं भूल जाऊं उनको ये मुमकिन ही नहीं है, दिल सुनके उनका नाम धड़कता है अदब से, हालांकि उन्हें आंख से देखा भी नहीं है! पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। यह उनकी रज़ा है मुझे भेजें मुझे रोकें, वापस मैं नहीं आऊंगा, सोचा तो यही है। पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। हैं गुंबदे ख़ज़रा के सिवा और भी जलवे, आंखों के लिए ख़ास, नज़ारा तो यही है। पहुचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। इज़हार ए ग़म ए हिज्...

Janaze Ko Kandha Deneka Sunnat Tarika Aur Fazail In Hindi/जनाजे को कंधा देनेका सुन्नत तरीका और फजाइल इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी

Janaze Ko Kandha Deneka Sunnat Tarika Aur Fazail In Hindi/जनाजे को कंधा देनेका सुन्नत तरीका और फजाइल इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी आज आपको इस पोस्ट के जरिए बताएंगे Janaze Ko Kandha Deneka Sunnat Tarika Aur Fazail In Hindi/जनाजे को कंधा देनेका सुन्नत तरीका और फजाइल इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी । जिसके जरिए अगर किसीको सुन्नत तरीका पता नही हैं तो ये पोस्ट पढ़ने के बाद आपके इल्म में इजाफा हो और सही सुन्नत तरीके का अमल भी हो सकें। ताकि आपकी नेकियों में भी इजाफा हो सकें और इसके साथ ही आप खुद भी अगर सही सुन्नत तरीके से वाकिफ होंगे तो दूसरों को भी दिन की खिदमत करते हुवे दीनी मालूमात सीखा पायेंगे। आइए जानते हैं। Janaze Ko Kandha Deneka Sunnat Tarika Aur Fazail In Hindi/जनाजे को कंधा देनेका सुन्नत तरीका और फजाइल इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी जनाजे को कंधा देनेका सुन्नत तरीका इन हिंदी जनाजे को कंधा देनेका सुन्नत तरीका ये हैं की एक के बाद एक चारों पायोंको कंधा देना चाहिए। और हर बार 10 – 10  कदम चलना चाहिए। पूरी सुन्नत ये है की पहले दाहिने (सीधे) सिरहाने कंधा दे। फिर दाहिने यानी...

Eid ke din ki tasbeeh in hindi- ईद के दिन की तस्बीह इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी

Eid ke din ki tasbeeh in hindi- ईद के दिन की तस्बीह इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी Eid ke din ki tasbeeh in hindi - ईद के दिन की तस्बीह इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी ईद के दिन पढना अफजल माना जाता है और इसे पढने से काफी सवाब मिलता है। और गुनाहों की माफी भी होती है, इसलिए इन तस्बीह को जानना आपके लिए जरूरी है, इस पोस्ट में आपको उन तस्बीहात को बताएंगे जिसे आप ईद के दिन पढ़ सकते हैं। ईद दुनिया भर के मुसलमानों के लिए खुशी का दिन है। इस्लाम में दो ही खुशी के दिन हैं, ईद-उल फित्र और ईद उल जुहा। रमजान में पूरे महीने रोजे रखने के बाद ईद-उल फित्र मनाई जाती है। ईद अल्लाह से इनाम लेने का दिन है।🤗   रमजान-उल मुबारक माह के बाद ईद-उल-फित्र के इस मुबारक दिन सुबह के वक्त शहर भर के लोग ईदगाह में जमाकर होकर ईद की नमाज अदा करते हैं।  नमाज के पहले हर मुसलमान के लिए फितरा देना फर्ज है। फितरे के तहत प्रति इंसान पौने दो किलो अनाज या उसकी कीमत गरीबों को दी जाती है। इसका मकसद यह है कि गरीब भी ईद की खुशी मना सकें।   ईद की नमाज के बाद इमाम खुत्बा देते हैं और दुआ फरमाते हैं। इसके बाद सभी ईमान वाले ए...

Karz se nazaat ka Amal aur vajifa in hindi/क़र्ज़ से नजात का अमल वजीफा इन हिंदी/dini malumat in hindi

Karz se nazaat ka Amal aur vajifa in hindi/क़र्ज़ से नजात का अमल वजीफा इन हिंदी/dini malumat in hindi  दुनिया भर में आज हर एक इंसान कर्ज से परेशान हाल हैं। आए दिन बढ़ रहे खर्चे और दुनियावी ख्वाहिशात के चलते आमदनी कम और खर्च ज्यादा हो चुका हैं। इसके चलते आज आम तौर पर कर्ज भी हर एक के लिए आम हो चुका है। इसलिए इस परेशानी से नजात के लिए  Karz se nazaat ka Amal aur vajifa in hindi/क़र्ज़ से नजात का अमल वजीफा इन हिंदी/dini malumat in hindi इस पोस्ट के जरिए हम जानेंगे।। इसे आप भी अमल करें और दूसरे लोग जो कर्ज से परेशान हो उन तक भी ज़रूर पहोंचाये। आज के इस दौर में पैसे की ज़रूरत हर इंसान को हर वक्त तो है ही लेकिन हर किसी के पास हर वक्त पैसा कहां होता है? कभी मेरे पास नहीं रहा तो, कभी आपके पास नहीं, ऐसे में हम सभी अपनो से या बैंको से कर्ज लेते हैं। यही कर्ज एक समय के बाद बोझ बन जाता है जिससे हम सब तनाव में रहते हैं। इसीलिए हमारे रब अल्लाह तबारक व तआला ने अपने बंदों के लिए हर तरह का तोहफा दुआ नमाज कुरान के जरिए से दिया हैं। आप यहां पर इस दुआ के जरिए अल्लाह तबारक व तआला पर उम्म...

Ramzan ke Aakhri ashre sab e kadr ke Vajaif/रमजान के आखरी अशरे सब ए कद्र के वजाइफ/dini malumat in hindi

Ramzan ke Aakhri ashre sab e kadr ke Vajaif/रमजान के आखरी अशरे सब ए कद्र के वजाइफ/dini malumat in hindi इस पोस्ट में हमने Ramzan ke Aakhri ashre sab e kadr ke Vajaif/रमजान के आखरी अशरे सब ए कद्र के वजाइफ/dini malumat in hindi  के बारे में लिखा है। इस चल रहे मुबारक माह रमजानुल मुबारक के 2 अशरे खतम हुवे और अब तीसरा अशरा सुरू हो छुका हैं। और इस अशरे में ही सब ए कद्र की अजीम रात भी आती हैं। इस लिए इस आखरी अशरे की ताक रातें यानी की 21वी सब, 23वी सब, 25वी सब, 27वी सब, और 29वी सब सामिल हैं। और इन रातों मैसे ही एक रात है जो सब ए कद्र हैं। तो इस लिए बेहतर है के इन ताक रातों में ये वजाइफ पढ़े जाए ताकि इनके फायदे भी हासिल हो सके। *_ ✨ शब ए कद्र के वज़ाइफ ✨_* *_आज का अमल_* *👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻* *_आज मगरिब की नमाज़ के बाद पहली शब ए कद्र शुरू हो जाएगी तो ये वज़ाइफ ज़रूर पढ़ें।_* *👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻* *_👉🏻 पहला कलिमा तीन मर्तबा_* ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाहि फजीलत:👇 *_1. गुनाहों से मगफिरत_* *_2. जहन्नुम से आज़ादी_* *_3. जन्नत में दाखिला_* *_👉🏻 सूरह कद्र इक्कीस मर्तबा_*   इ...

Masjide Nabvi Ke Bareme Kuchh Malumat/मस्जीदे नब्वी के बारेमें कुछ मालूमात/दीनी मालूमात इन हिंदी

Masjide Nabvi Ke Bareme Kuchh Malumat/मस्जीदे नब्वी के बारेमें कुछ मालूमात/दीनी मालूमात इन हिंदी इस पोस्ट में हम जानेंगे  Masjide Nabvi Ke Bareme Kuchh Malumat/मस्जीदे नब्वी के बारेमें कुछ मालूमात/दीनी मालूमात इन हिंदी । कुछ खास मालूमात जो मस्जीदे नब्वी के पूरे एरिया के बारेमें बहोत ही खास मालूमात हैं।  मस्जीदे नब्वी  Masjide Nabvi Ke Bareme Kuchh Malumat/मस्जीदे नब्वी के बारेमें कुछ मालूमात👇 मस्जिदे नबवी 82000 sqare मीटर में बनी दुनिया की सबसे अज़ीम मस्जिदों में से एक है, जिसकी लागत 6 लाख 50000 करोड़ ₹ की है, जिसमें 2014 पिलर हैं। मस्जिद में एक साथ 8 लाख 98000 लोग नमाज़ पढ़ सकते हैं। इस मस्जिद में हर वक़्त दुनिया से आए तक़रीबन 3 लाख लोग मौजूद रहते हैं ।  यहां पानी पीने के लिए रोज़ तकरीबन 20 लाख डिस्पोजल गिलास का इस्तेमाल होता है। मस्जिद की सफाई के लिए 1800 कर्मचारी तैनात है जो 3 शिफ्ट में 24 घंटे सफाई करते हैं। मस्जिद में तक़रीबन 50000 CCTV कैमरे लगे हुए हैं।जिसकी निगरानी 1 लाख लोग करते हैं। टॉयलेट की बात की जाए तो तीन मंज़िल नीचे तक तकरीबन 1 लाख लोग एक वक्त मे...

Ramzan Mubarak/Taraweeh Namaz Ki Niyat aur Tarika In Hindi/तराविह नमाज़ की नियत और तरीका इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी

Ramzan Mubarak/Taraweeh Namaz Ki Niyat aur Tarika for ledies In Hindi/तराविह नमाज़ की नियत और तरीका फॉर लेडीज इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी नाज़रीन आज मैं आपके लिए बहुत अहम और जरूरी पोस्ट Ramzan Mubarak/Taraweeh Namaz Ki Niyat aur Tarika for Ledies In Hindi/तराविह नमाज़ की नियत और तरीका फॉर लेडीज इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी लेकर आई हूं। हमारी बहुत सी बहने हर बार तराविह की नमाज़ को लेकर बहुत कन्फ्यूज़ रहती है और परेशान रहती है । लेकिन आज मैं इनशा अल्लाह आपकी तराविह की नमाज़ से जुड़ी सारी प्रॉब्लेम दूर करने की कोशिश करूंगी। इस नमाज़ मे कितनी रकअत होती है , क्या ये नमाज़ औरतों के लिए जरूरी है । क्या वित्र वाजिब तराविह की नमाज़ के बाद पढ़ने चाहिए ? इसके अलावा भी बहुत से सवाल है जिनके जवाब आज मैं आपको इनशा अल्लाह आसान लफ्जों मे बताउंगी। गुजारिश है के इस लेख को आखिर तक लाज़मी पढे ताकि आपको Ramzan Mubarak/Taraweeh Namaz Ki Niyat aur Tarika for ledies In Hindi/तराविह नमाज़ की नियत और तरीका फॉर लेडीज इन हिंदी/ दीनी मालूमात इन हिंदी की मुकम्मल जानकारी मिल सके।   क्या ये नमाज़ औरतों के लिए जरूर...

Behtareen Banda Koun Hai?/बेहतरीन बंदा कौन हैं?/दीनी मालूमात इन हिंदी

Sabse Behtareen Banda Koun Hai?/सबसे बेहतरीन बंदा कौन हैं?/दीनी मालूमात इन हिंदी हमारे सारे अमल में सबसे अफजल अमल वोह है जिसका फायदा दूसरों को पहुंचे। बिलकुल वैसे ही हम सब बंदों में Sabse Behtareen Banda Koun Hai?/सबसे बेहतरीन बंदा कौन हैं? यानी की सबसे बेहतर बंदा वो हैं जो की अपने अमल से ना सिर्फ बेहतर इंसान बने बल्की अपने अमल के जरिए से दूसरों को भी फायदा पहुंचाएं।  मुफस्सिरे शहीर हकीमुल उम्मत हजरते मुफ्ती अहमद यार खान अलयहि रहमतुल हन्नान मजीद फरमाते हैं: ""इस्लाम में तबलीग बड़ी एहम इबादत हैं की तमाम इबादतों का फायदा खुद अपने आप को ( यानी अपनी जात को) होता ही हैं मगर तबलीग वो चीज हैं जिसके फायदे दुसरो को भी "लाज़िम" (यानी सिर्फ अपनी जात को फायदा पहुंचाने वाले अमल ) से "मुतअदी" (यानी ऐसा अमल जो दूसरों को भी फायदा दे वोह) अफजल हैं। "" रिवायत में हैं की किसी ने हुजूरे अनवर सल्ललाहो तआला अलयहि व आलेहि व सल्लम से पूछा की " Sabse Behtareen Banda Koun Hai?/सबसे बेहतरीन बंदा कौन हैं?" तो आपने फरमाया : अल्लाह तआला से डरने वाला, सिलए रेहमी (...

Maahe Ramzan ka Chand Mubarak wish in Hindi/माहे रमजान का चांद मुबारक विस इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी

  Maahe Ramzan ka Chand Mubarak wish in Hindi/माहे रमजान का चांद मुबारक विस इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी  *आलमे इस्लाम को*  *"माहे रमजान"*  * का चांद बहुत बहुत मुबारक 🥰❤️* *हर गुनाह के पीछे सैतान नही होता,* *यही बताने रमजान आता है,😌* *अल्लाह पाक इस अजीम रहमत बरकत वाले माहे मुबारक महीने में हमे 5 वक्त नमाज पढ़ने की ओर पूरे रोजे रखने की तोफिक अता करे..आमीन💐😇*

Shajra E Qadriya Lyrics शजरा ए क़ादरिया In Hindi/दीनी मालूमात इन हिंदी

Shajra E Qadriya Lyrics शजरा ए क़ादरिया In Hindi/दीनी मालूमात इन हिंदी रोज फज़र की नमाज़ के बाद या दिन में कोई भी टाइम (वक़्त) मिलने पर पढ़ ले. शजरा ए क़ादरिया Shajra e Qadriya को हमेशा पढ़ने का फायदा ये हैं, की समझ लीजिए की अगर आप के दरवाज़े पर एक फकीर रोजाना दस्तक देता हैं भिख के लिए पर आप उसे आखिर कब तक रोज़ "माफ़ करिये" बोलेंगे। आखिर एक न एक दिन आप को उसे उसकी  मनपसन्द चीज या जो भी आप दे सकें आपको वो चीज देनी ही पड़ेंगी। बिलकुल इसी तरह गौंश पाक की बारगाह में आप रोजाना शजरा ए क़ादरिया Shajra e Qadriya पढ़ कर गौंश पाक के बारगाह में भिख मांगेगे अपनी अर्ज़ी लगाएंगे तो, इंशा अल्लाह गौंश पाक के इस शजरा ए क़ादरिया Shajra e Qadriya के वसिले से और अल्लाहपाक की अता से इस शजरा ए क़ादरिया Shajra e Qadriya पढ़ने वाले की दुआ जरुर अल्लाह की अता से क़बूल करेंगे और अपने मांगने वाले मुरीदो की झोली भरेंगे। तो आप भी इस  Shajra E Qadriya Lyrics शजरा ए क़ादरिया को पढ़े और इसके वसीले गौंस पाक से अपनी अर्जी (हाजात) पेश करें ताकि इसके जरिए आप भी अपनी हर जायज हाजात को कुबूल करवा सकें। शजरा ए क़ादरिया Shajra E Qa...

Islam Ki Buniyad Char Chijon Par Hai/इस्लाम की बुनियाद चार चीजों पर हैं/दीनी मालूमात इन हिंदी

Islam Ki Buniyad Char Chijon Par Hai/इस्लाम की बुनियाद चार चीजों पर हैं/दीनी मालूमात इन हिंदी इस्लाम की बुनियाद एक दीन एक शख्स ने हजरत अली कर्रमल्लाहो वजहहूल करीम से सवाल किया, "अय अमीरूल मुअमिनिन! क्या आपने मदनी आका सलल्लाहो अलयहे वसल्लम से इस्लाम की बुनियाद का बयान सुना हैं?"  आपने जवाब में फरमाया: " मैंने रसूलल्लाह सलल्लाहो अलयहे वसल्लम को फरमाते हुवे सुना की इस्लाम की बुनियाद चार चीजों पर हैं।  🔵 1.सब्र 🔵 2.यकीन 🔵 3.जेहाद और 🔵 4.इंसाफ फिर इन सब में सबकी अलग अलग साखें यानी की पार्ट(भाग) हैं। इन सबको डिटेल में जानते और समझते हैं ताकि इस्लाम की सही बुनियाद को समझा जा सकें। बोहोत ही खूबसूरत तरीके से बयान है इस्लाम की बुनियाद के बारे में इसे पूरा जरूर पढे। 🔵 1.सब्र सबसे पहले सब्र की चार शाखें (भाग) होती हैं। यानी की सब्र किस किस तरीके की होती हैं और किस तरीके से की जाती हैं। 💐1. ख्वाहिश 💐2. मोहब्बत 💐3. परहेजगारी और 💐4. इंतजार इस बात पर गौर करें की जन्नत की 💐ख्वाहिश रखने वाला दुनियांकी लज्जतों (💐 मोहबतों) से दूर रहता हैं, और दोजख से डरता हैं, हराम काम...

दीनी मालूमात/Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi/2023 शबे बरात की फजीलत इन हिंदी

दीनी मालूमात/Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi/2023 शबे बरात की फजीलत इन हिंदी आज हम दीनी मालूमात में जानेंगे  दीनी मालूमात/Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi/2023 शबे बरात की फजीलत । सब ए बरात यानी की साबान की पंद्रहवी (15) रात। इस रात की बोहोत सी फजीलतें हैं। हम इस दीनी मालूमात वेबसाइट के जरिए Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi/2023 शबे बरात की फजीलत को जान ने की और समझ कर अमल करने की कोशिश करेंगे। मेने यहां पर शबे बरात की फजीलत बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पेश कि है जिसे आप आसानी से पढ़ कर समझ जाएंगे। हम सभी के दरमियान हर साल शबे बरात अपनी बेशुमार रहमत व बरकत लेकर आती है । और इसकी रहमत और बरकत को हम सब हासिल करने के लिए शबे बरात की रात में   सब ए बरात की नमाज़ पढ़ते हैं। इस रात में हम सब खूब इबादत जैसे 👉 कुरान पाक पढ़ना, दुआ अज़कार करना, नफील नमाजें पढ़ना और दिन में रोजा रखना, ऐसे इबादत में डूबे रहते हैं जिसकी फजीलत बहुत है आज यहां इसकी ही फजीलत आप जानेंगे। Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi/सब ए बरात की फजीलत इन हिंदी शबे बरात कि रात में अल्लाह आसमाने दुनिया पर तजल्ली फ...

दीनी मालूमात इन हिंदी/क़ज़ाए उम्री का त़रीक़ा इन हिंदी/ Kaza e Umri Ka Tarika In Hindi

दीनी मालूमात इन हिंदी/क़ज़ाए उम्री का त़रीक़ा इन हिंदी/ Kaza e Umri Ka Tarika In Hindi आज इस पोस्ट में हम   दीनी मालूमात इन हिंदी/क़ज़ाए उम्री का त़रीक़ा इन हिंदी/ Kaza e Umri Ka Tarika In Hindi के बारे में जानेंगे। आज कल नमाज कजा होना आम हो चुका है जब की नमाज़ सबसे ज्यादा फर्ज है हर मोमिन मुसलमान मर्द और औरत और हर बालिग बंदे पर जो 12 साल से ता उम्र तक पढ़नी ही है। नमाज का न पढ़ना और उसे कजा करना बोहोत ही गुनाह का काम हैं और अल्लाह और उसके हबीब मोहम्मद मुस्तफा सल्ललाहो अलयहे व आलेहि वसल्लम का सबसे नपसंदीदा काम हैं। तो जितना हो सके अपने आप को नमाज का पाबंद बनाए। क्योंकि अगर नमाज जैसा अमल जी हम से ना हूवा जोकि सबसे आसान काम हैं जो की हम जैसे गुनहगार बंदों के लिए 50 फर्ज नमाज़ो मैसे हम उम्मती के लिए सिर्फ 5 नमाजे कर दी गई है जोके बोहोत ही आसान हो चुका तो अब हम भी क्यूं अपने इस आसन अमल को करके कामयाब ना हो! हमे अगर कामयाब होना हैं न सिर्फ दुनिया में बल्की आखिरत में भी तो हमें इस नमाज के दामन को थामे रखना पड़ेगा।।। और अगर किसी की नमाज़ ए कज़ा यानी की  क़ज़ाए उम्री/ K...

नेकियां छुपाने के फजाइल/Nekiyan Chhupane Ke Fazail/ dini malumat in hindi

नेकियां छुपाने के फजाइल/Nekiyan Chhupane Ke Fazail/ dini malumat in hindi नेकियां छुपाने के फजाइल/Nekiyan Chhupane Ke Fazail/ dini malumat in hindi   बंदेको चाहिए के वो जिस कदर हो सकें, अपनी नेकियां छुपाए । इस बारे में चार अहादीसे मुबारका दी गई हैं। इन अहादीसे मुबारका को मुलाहिजा फरमाएं। 1️⃣ आदमी का ऐसी जगह नफिल नमाज पढ़ना, जहां उसे लोग न देखते हों। क्योंकि ये सवाब लोगों के सामने अदा की जानेवाली 25 (पच्चीस) नमाजों के बराबर होता हैं। (कंजूल उम्माल) 2️⃣ छुपाकर दिए जाने वाला सदका रब्बे करीम के गजब को बुझा देता हैं। (मोअज्जम कबीर) 3️⃣ छुपकर किया जाने वाला नेक अमल, एलानियां किए जाने वाले अमल से 70 (सत्तर) गुना अफजल हैं। ( अल - फिरदौस बि मअसूरल खिताब) 4️⃣ छुपकर की हूवि नेकी, एलानियां किए जाने वाली नेकी से अफजल हैं।  ( अल - फिरदौस बि मअसूरल खिताब)

एहम तीन चीजें /दीनी मालूमात/Eham Teen Chijen/dini malumat in hindi

एहम तीन चीजें /दीनी मालूमात/Eham Teen Chijen/dini malumat in hindi एहम तीन चीजें /दीनी मालूमात/Eham Teen Chijen/dini malumat in hindi     Eham Teen Chijen/एहम तीन चीजें साहिबे कुरआन सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम ने इरशाद फरमाया : " तीन चीजें ऐसी हैं की जिसने इनकी हिफाज़त की , अल्लाह तआला उसकी, उसके दीन और दुनिया के तमाम मुआमलात की हिफाज़त फरमाएगा। और जिसने इन तीन चीजों को बरबाद किया, अल्लाह पाक उसकी किसीभी मुआमलेमें हिफाज़त नहीं फरमाएगा।"         वो तीन चीजें ये रही। 👇 1️⃣ इस्लाम की इज्जत और एहतराम, 2️⃣ मेरी इज्जत और एहतराम, 3️⃣ मेरे रिश्तेदारों और कराबतदारों की इज्जत और एहतराम।     Eham teen Aankhen/ एहम तीन आंखे हजरत सैयदेना मुआविया बिन हैदह रद्दियल्लाहो अन्होसे रिवायत हैं की सरकारे वाला तबार सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम ने इरशाद फरमाया : " तीन आंखें जहन्नम न देखेंगी।"     वो तीन आंखें इस तरीके से हैं 👇 1️⃣ वो आंख जिसने राहे खुदा में पहरा दिया। 2️⃣ वो आंख जो अल्लाह तआला के खौफ से रोए। और 3️⃣ वो आंख जो अल्लाह त आला की हराम की हुवि...

नेक मुस्लिम की उम्दा खूबियां/Nek Muslim Ki Umda Khubiyan/In Hindi

नेक मुस्लिम की उम्दा खूबियां/Nek Muslim Ki Umda Khubiyan/In Hindi ये ब्लॉग पोस्ट नेक मुस्लिम की खूबियां क्या होती है और उसकी पेहचान केसे करे इसकी कुछ निसानियां है, खूबियां हैं जिस से नेक मुस्लिम को जान सकते हैं उसके बारे में हैं। इस्लाम में ऐसी बोहोत सी खूबियां हैं जिस से एक इंसान बेहतर से बेहतर बन सकता हैं। इस्लाम के सच्चे तरीको पर अगर बंदा चलने की कोशिश करे तो वो अपनी दुनिया और आखिरत दोनो को संवार सकता हैं।  इस्लाम एक बोहोत ही खूबसूरत मजहब हैं और इसमें नबी ए करीम सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम जो आखरी नबी हैं उन्होंने इस्लाम के सही तरीकों को बताया हैं। उन्होंने जिस तरीके से जिंदगी जीने का मकसद दिया है अगर इंसान उन तरीको पर चलेगा तो अपनी जिंदगी को , अपने दिन को , अपने घर परिवार, बच्चों को , और समाज को सुधार सकता हैं। पर अफसोस के एक मुसलमान ही आज अपने मकसद को भूल चुका है और ना जाने कितने गुनाहों को गले लगा कर गुम फिर रहा हैं। इसलिए इस पोस्ट में  नेक मुस्लिम की उम्दा खूबियां को जान कर आज सायद आप या हम मैसे कोई तो अपने अच्छे बुरे बरताव को सुधार कर नेक मुस्लिम होने की कोशिश जरूर...

रोजीमें बेशुमार बरकत का बा बरकत अमल/Roji Me Beshumar Barkat Ka Ba Barkat Amal/in hindi

रोजीमें बेशुमार बरकत का बा बरकत अमल/Roji Me Beshumar Barkat Ka Ba Barkat Amal/in hindi रोजी में बेशुमार बरकत का बेहतरीन और बा बरकत अमल माहे रज्जब के मुबारक दिनों में जरूर करें। दे मुहम्मद के लिए रोजी कर अहमद के लिए, ख्वाने फजल्लुलाह से हिस्सा गदा के वास्ते। बुजुर्गाने दीन औलियाए किराम का अता करदा अमल सुल्तानुल हिन्द ख्वाजा ए ख्वाजगां हुजूर सरकार ख्वाजा गरीबे नवाज रद्दीअल्लाहू तआला अन्हू के उर्स शरीफ़ के मौके पर बुजुर्गाने दीन और मशाइखे एजाम का अता करदा बा बरकत अमल रोजीमें बरकत के लिए जरूर अमल करें।             -:अमल का तरीका:- 🔵 रजब शरीफ की पहली तारीख को नमाजे फजर के बाद  एक मुठ्ठी आटा निकाले और दुसरे डब्बे में या फिर किसी और बरतन में रखले।  🔵दूसरी तारीख को भी नमाजे फजर के बाद दो मुट्ठी आटा निकाले और उसी डब्बे में रखले जिस में अगले दिन रखा था। 🔵तीसरी तारीख को भी नमाजे फजर के बाद तीन मुठ्ठी आटा निकाले और उसी डब्बे में रखले जिस में अगले दिन रखा था। 🔵चौथी तारीख को भी नमाजे फजर के बाद चार मुठ्ठी आटा निकाले और उसी डब्बे में रखले जिस में अगले दिन...

माहे रजब की अजमत व फजीलत इन हिंदी/Mahe Rajjab Ki Azmat Wa Fazilat In Hindi

माहे रजब की अजमत व फजीलत इन हिंदी/Mahe Rajjab Ki Azmat Wa Fazilat In Hindi माहे "रजब" के तीन हुरूफ की अजमत बुजुरगाने दिन रहिमुहुमुल्लाहुल मुबीन फरमाते हैं: " रजब में तीन हुरूफ हैं,   'रे' 'जीम' और ' बे ' " रे " से मुराद रेहमते इलाही हैं। " जीम " से मुराद बंदे का जुर्म हैं। " बे " से मुराद बिर यानी एहसान और भलाई हैं। गोया अल्लाह तआला फरमाता हैं : मेरे बंदेके जूर्म को मेरी रहमत और भलाई के दरम्यान करदों। अल्लाह अजवजल्लाह के आखिरी नबी , हमारे प्यारे आका मोहम्मदे अरबी सल्लल्लाहो अलयही व आलेही वसल्लम ने इर्शाद फ़रमाया :  माहे   रजब अल्लाह का महीना है , शा'बान मेरा महीना है और रमजान मेरे उम्मतियों का महीना है । पांच रातें ऐसी जिसमे  दुआ कभी रद नहीं होती अल्लाह अजवजल्लाह के आखिरी नबी , हमारे प्यारे आका मोहम्मदे अरबी सल्लल्लाहो अलयही व आलेही वसल्लमने इर्शाद फरमाया की : "पांच रातें ऐसी हैं जिस में दुआ कभी रद नहीं की जाती।" ( 1 ) रजब  की पहली ( या'नी चांद ) रात। ( 2 ) पन्दरह शा'बान की रात ( या'नी श...

दीनी मालूमात/मियां-बीवी के एक-दूसरे पर हुकूक/miyaan biwi ke ek dusre par hukuk/dini malumat in hindi

दीनी मालूमात/मियां-बीवी के एक-दूसरे पर हुकूक/miyaan biwi ke ek dusre par hukuk/dini malumat in hindi दीनी मालूमात/मियां-बीवी के एक-दूसरे पर हुकूक/miyaan biwi ke ek dusre par hukuk/dini malumat in hindi सोहर और बीवी का रिश्ता बहुत ही नाजुक होता हैं। अगर भाई - भाई में दुश्मनी हैं, भाई बहन में दुश्मनी हैं, या फिर घर के किसी और रिश्ते में दुश्मनी है और मरते दम तक आपस में बात ना करें तब भी भाई भाई ही रहता हैं या बहन भाई ही रहेंगे। लेकिन मियां - बीवी  का रिश्ता एक वाहिद रिश्ता होता हैं। जो अगर एक बार टूट जाएं तो हमेशा के लिए एक दूसरे के लिए हराम ही हो जाते हैं। यानी की बिलकुल ही अजनबी हो जाते हैं। यही वजह हैं की अल्लाह तआला को सबसे ज्यादा जो काम ना पसंदीदा है वो हैं मियां बीवी का अलग होना।  इस लिए आज कल वो सबसे ज्यादा काम जो अल्लाह तआला को ना पसंदिदा है वो मियां बीवी के रिश्ते में आम हो चुका हैं। इसलिए मियां - बीवी को चाहिए के मियां - बीवी के एक दूसरे पर हुकूक क्या हैं वो समझे। ताकि कुछ हद तक बिगड़े हुवे रिश्तों को सुधारा जा सके। या फिर नए जुड़ने वाले रिश्तों को सही ...