पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english नात ख्वान ज़ोहेब अशरफ़ी की आवाज में बेहतरीन नात शरीफ पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english हैं मेरे ख़यालों में वो एहसास की सूरत, मैं भूल जाऊं उनको ये मुमकिन ही नहीं है, दिल सुनके उनका नाम धड़कता है अदब से, हालांकि उन्हें आंख से देखा भी नहीं है! पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। यह उनकी रज़ा है मुझे भेजें मुझे रोकें, वापस मैं नहीं आऊंगा, सोचा तो यही है। पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। हैं गुंबदे ख़ज़रा के सिवा और भी जलवे, आंखों के लिए ख़ास, नज़ारा तो यही है। पहुचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। इज़हार ए ग़म ए हिज्...
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली, नात लिरिक्स इन हिंदी।
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली, नात लिरिक्स इन हिंदी।
Poet: Zeeshan Abidi:
Composition: Saiyad Raza Abbas Zaidi
दिल को छू जाने वाली नात शरीफ है ये । अपनी मुश्किल में मौला अली मुश्किल कुशा को याद करते हुवे और दिल से मेहसूस करते हुवे इस नात को जरूर पढ़े। जिसके अल्फाज हैं, "मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली" ।
ऐ कुल के मददगार सरदारों के सरदार,
मुश्किल कुशा हो मेरे मौला मेरे सरकार।
गर तुम ना करोगे तो करम कौन करेगा,
गर तुम ना सुनोगे तो मेरी कौन सुनेगा।
जहरा की मुसीबत का तुम्हे वास्ता अली,
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
मौला मेरी निगाहों को हासिल हो ये सरफ,
जीते जी एक बार दिखा दो मुझे नजफ,
सांसों का रुक न जाए कहीं सिलसिला अली।
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
मुश्किल घड़ी है कीजिए आसान रास्ते,
सब पर करम हो बाली सकीना के वास्ते।
तुम बिन नहीं है कोई मेरा आशरा अली,
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
अय किबरिया की शान मोहम्मद के दिल नशीन,
आंसू रवां है आंख से दिल को सुकून नहीं।
ये दिल से आ रही है मुसलशल सदा अली,
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
जहरा की मुसीबत का तुम्हे वास्ता अली,
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
एक घर मुझे भी चाहिए काबे के मोहतरम,
जिस पर लगा हो हजरत - ए - अब्बास का अलम।
गुरबत में मुफलिसी में यही है दुआ अली,
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
बीमार ए करबला से वफ़ा का सिला मिले,
बीमार जो हैं उनको मुक्कमल शिफा मिले।
उस की कसम जो कांटों पे चलता रहा अली,
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
हाय ए हुसैन हाये जइफी का वो समां,
देखी जवान बेटे के सीने में जब सीना।
रख कर सीना पे हाथ तड़प कर कहां अली,
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
जिस दम असीर होके चलें शाम की तरफ,
जैनब पुकारें देख के हाय सोए नजफ़।
किस तरह साम जाऊंगी में बे रिदा अली,
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
ज़िंदान में जब बहन का जनाजा न उठ सका,
हाए तड़प के सैयद ए सज्जाद ने कहां।
वक्त ए मदद हैं आइए या मुर्तजा अली,
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
जिशान और रजा के लबों पर दुआ है ये,
गैबत से जल्द बारहवे बेटे को भेजिये।
मुश्किल है सांस लेना अब उनके बिना अली,
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
जहरा की मुसीबत का तुम्हे वास्ता अली,
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
गर तुम ना करोगे तो करम कौन करेगा,
गर तुम ना सुनोगे तो मेरी कौन सुनेगा।
जहरा की मुसीबत का तुम्हे वास्ता अली,
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली।
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