Ramzan Mubarak/Taraweeh Namaz Ki Niyat aur Tarika In Hindi/तराविह नमाज़ की नियत और तरीका इन हिंदी/दीनी मालूमात इन हिंदी
नाज़नीन हमारी बहुत सी बहने ऐसी है जो तराविह की नमाज़ को बिला किसी वजह के छोड़ देती है। और उनका बहाना ये होता है के हम थक गए है, या रोज़े की वजह से तबीयत खराब है । जो बहुत ही बुरी बात है मेरी बहनों रमजान का महिना अल्लाह ने इबादत के लिए बनाया है । हम पूरी साल तो बस ऐसी ही इबादत करते है और रमज़ान मे भी बहाने लेकर पड़ जाते है ।
इसलिए तमाम मर्द हज़रात और मेरी बहनों से गुजारिश है के रमज़ान के महीने मे खूब इबादत करे । क्यूंकि इस महीने मे अल्लाह हर तसबीह और हर नमाज़ के बदले और हर इबादत के बदले मे बहुत ही सवाब अता करते है । अगर अल्लाह तआला को इस उम्मत को अज़ाब देना मकसूद होता तो "रमज़ान मुबारक" और "सुरहे इखलाश" न देता ये बात हज़रत अली ने खुद फरमाई है।
तो आप इस बात से खुद सोच सकते है के अल्लाह ने रमज़ान मुबारक और इस महीने की इबादत को हमारे लिए मगफिरत का जरिया बनाया है । लेकिन अफसोस है न जाने कितने लोग हर साल रमज़ान मुबारक और taraweeh ki namaz को छोड़ देते है । ये महिना तो किस्मत वालों को मिलता है ।
अब बात करते है Taraweeh Ki Namaz For Ladies सबसे पहले ये जान ले के ये नमाज़ जिस तरह आदमियों के लिए पढ़ना जरूरी है उसी तरह औरतों के लिए भी जरूरी है क्यूंकि Taraweeh Ki Namaz सुन्नत ऐ मौककिदा है। जिसके पढ़ने पर सवाब मिलता है और बिला उजर छोड़ने पर गुनहगार होता है। अगर किसी उजर की वजह से छूट जाए तो इसमे कोई हर्ज नहीं लेकिन इसकी आदत बना लेना गुनाह की फहरिस मे आता है ।
Taraweeh namaz Ki niyat/तराविह नमाज़ की नियत
नियत करती हु मै 2 रकात नमाज़ सुन्नत तराविह की वक्त ईशा का वास्ते अल्लाह तआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहु अकबर कहकर हाथ बांध ले । अगर आप दिल मे भी ये इरादा करती है के मै 20 रकात नमाज़ तरावेह की पढ़ती हु तो आपकी नियत तब भी हो जाएगी ।
जब आप 4 रकात नमाज़ तरावेह पढ़ ले तो आपको taraweeh ki dua/तराविह की दुआ पढ़नी है । वो दुआ भी मैं आपको नीचे होगी पोस्ट को स्क्रॉल करके देखले। ये दुआ आपको 20 रकअत तराविह मे 5 मर्तबा पढ़नी है यानि हर 4 रकाअत नमाज़ तराविह के बाद पढ़नी हैं।
taraweeh ki namaz ka tarika/तराविह नमाज़ का तरीका
नाज़रीन taraweeh ki namaz ka tarika/तराविह नमाज़ का तरीका सबसे आसान ये है के ईशा की 4 सुन्नत , 4 फर्ज पढ़कर और 2 सुन्नत , 2 नफ़िल के बाद taraweeh की 20 रकात पढे और फिर 3 वित्र वाजिब पढ़कर 2 नफ़िल पढ़कर नमाज़ मुकम्मल करे ।
इस नमाज़ मे 20 रकात 2-2 रकात की नियत बांधकर पढ़ी जाती है और आप चाहे तो 4 रकात से भी पढ़ सकती है। लेकिन अफजल तरीका 2-2 रकात से ही पढ़ना है आप चाहे तो एक ही बार नियत कर सकती है और चाहे तो हर 2 रकात के बाद नियत कर सकती है नियत करने का तरीका ऊपर लिखा है ।
बहुत सी बहनों का ये सवाल होता है के इस नमाज़ की नियत कैसे करे । नियत का असल मतलब दिल के इरादे का नाम है आप दिल ही दिल मे इरादा करके नमाज़ पढ़ेंगी तो भी आपकी नमाज़ हो जाएगी। अगर आपको ज़बान से इकरार करना है तो आप कुछ इस तरह कह सकती है जैसा मैने Taraweeh namaz Ki niyat/तराविह नमाज़ की नियत में लिखा हैं ।
Taraweeh Ki Namaz For Ladies/तरावीह की नमाज़ फॉर लेडीज
नियत करने के बाद जिस तरह हम बाकी की नमाज़ पढ़ते है उसी तरह Taraweeh Ki namaz for Ledies/तराविह की नमाज़ फॉर लेडीज पढ़ी जाएगी । नियत के बाद सना पढे और अउजु बिल्लाही, पूरा बिस्मिलाह के साथ पढ़ने के बाद surah fatiha/सुरहे फतिहा और कोई भी सूरत जो आपको याद हो पढे अगर आपको अलमतरा से सूरह याद है और क्यूंकि इस सूरत से आखिर सूरत तक 10 सूरह होती है । तो पहली रकाअत मे अलमतरा और दूसरी रकात मे लि-इलाफ़ी की सूरत पढ़नी है ।
इसी तरतीब से 10 वी रकाअत मे surah naas/सूरहे नास पर पूरी होगी फिर 11 वी रकात मे दोबारा इसी तरतीब से पढ़नी है और हर 4 रकात के बाद Taraweeh ki dua पढे । इस तरह Taraweeh Ki Namaz For Ladies/तरावीह की नमाज़ फॉर लेडीज मुकम्मल हो जाएगी । नीचे Taraweeh ki dua देखे ।
तरावीह की दुआ इन हिंदी
सुबहाना ज़िल मुलकी वल मलाकूत
सुबहाना ज़िल इज्ज़ती वल अज़मती वल हैबती वल क़ुदरती वल किबरियाई वल जबारूत
सुबहानल मलिकिल हययिल लज़ी ला यनामु वला यमूतु सुब-बूहुन कुद्दू सुन
रबबुना वा रबबुल मलाइकती वररूह अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन नार या मुजीरु या मुजीरु या मुजीर।
तरावीह की दुआ इन अरबी
سُبْحَانَ ذِى الْمُلْكِ وَالْمَلَكُوْتِ سُبْحاَنَ ذِى الْعِزَّةِ وَالْعَظْمَةِ وَالْهَيْبَةِ وَالْقُدْرَةِ وَالْكِبْرِيَآءِ وَالْجَبَرُوْتِ سُبْحَانَ الْمَلِكِ الْحَىِّ الَّذِىْ لَا يَنَامُ وَلَا يَمُوْتُ سُبُّوْحٌ قُدُّوْسٌ رَبُّنَا وَرَبُّ الْمَلٰٓئِكَةِ وَالرُّوْحِ اَللّٰهُمَّ اَجِرْنَا مِنَ النَّارِ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ يَا مُجِيْرُ
प्लीज नोट करले।
नाज़नीन Taraweeh Ki Namaz For Ladies मे नमाज़ का सही वक़्त ईशा की नमाज़ के बाद है । अगर किसी वजह से आपको वक़्त न मिले तो आप तहज्जुद की नमाज के साथ भी अदा कर सकते है । यानि सहरी से पहले-पहले भी आप Taraweeh ki namaz पढ़ सकते है ।
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