पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english नात ख्वान ज़ोहेब अशरफ़ी की आवाज में बेहतरीन नात शरीफ पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english हैं मेरे ख़यालों में वो एहसास की सूरत, मैं भूल जाऊं उनको ये मुमकिन ही नहीं है, दिल सुनके उनका नाम धड़कता है अदब से, हालांकि उन्हें आंख से देखा भी नहीं है! पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। यह उनकी रज़ा है मुझे भेजें मुझे रोकें, वापस मैं नहीं आऊंगा, सोचा तो यही है। पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। हैं गुंबदे ख़ज़रा के सिवा और भी जलवे, आंखों के लिए ख़ास, नज़ारा तो यही है। पहुचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। इज़हार ए ग़म ए हिज्...
Ramzan ke Aakhri ashre sab e kadr ke Vajaif/रमजान के आखरी अशरे सब ए कद्र के वजाइफ/dini malumat in hindi
Ramzan ke Aakhri ashre sab e kadr ke Vajaif/रमजान के आखरी अशरे सब ए कद्र के वजाइफ/dini malumat in hindi
इस पोस्ट में हमने Ramzan ke Aakhri ashre sab e kadr ke Vajaif/रमजान के आखरी अशरे सब ए कद्र के वजाइफ/dini malumat in hindi के बारे में लिखा है। इस चल रहे मुबारक माह रमजानुल मुबारक के 2 अशरे खतम हुवे और अब तीसरा अशरा सुरू हो छुका हैं। और इस अशरे में ही सब ए कद्र की अजीम रात भी आती हैं। इस लिए इस आखरी अशरे की ताक रातें यानी की 21वी सब, 23वी सब, 25वी सब, 27वी सब, और 29वी सब सामिल हैं। और इन रातों मैसे ही एक रात है जो सब ए कद्र हैं। तो इस लिए बेहतर है के इन ताक रातों में ये वजाइफ पढ़े जाए ताकि इनके फायदे भी हासिल हो सके।
*_✨शब ए कद्र के वज़ाइफ✨_*
*_आज का अमल_*
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*_आज मगरिब की नमाज़ के बाद पहली शब ए कद्र शुरू हो जाएगी तो ये वज़ाइफ ज़रूर पढ़ें।_*
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*_👉🏻पहला कलिमा तीन मर्तबा_*
ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर्रसूलुल्लाहि
फजीलत:👇
*_1. गुनाहों से मगफिरत_*
*_2. जहन्नुम से आज़ादी_*
*_3. जन्नत में दाखिला_*
*_👉🏻 सूरह कद्र इक्कीस मर्तबा_*
इन्ना अनज़ल नाहु फ़ी लैयलतिल कद्र, वमा अदराका मा लैयलतुल कद्र, लय्लतुल कदरि खैरुम मिन अल्फि शह्र, तनज्जलुल मलाइकातु वररूहु फ़ीहा बिइज़्नि रब्बिहिम मिन कुल्लि अम्र, सलामुन हिय हत्ता मत लइल फज्र।
फजीलत:👇
*_सत्तर हज़ार फरिश्ते मगफिरत की दुआ करेंगे।_*
*_👉🏻 सूरह इखलास तीन मर्तबा_*
बिस्मिल्ला–हिर्रहमा–निर्रहीम
कुल हुवल लाहू अहद
अल्लाहुस समद लम यलिद
वलम यूलद वलम यकूल लहू कुफुवन अहद।
कुल हुवल लाहू अहद
अल्लाहुस समद लम यलिद
वलम यूलद वलम यकूल लहू कुफुवन अहद।
फजीलत:👇
*_इंशा अल्लाह पूरा कुरआन पढ़ने का सवाब मिलेगा।_*
*_👉🏻 शब ए कद्र की दुआएं_*
*_हज़रत आयशा सिद्दीका रज़िअल्लाहु अन्हा फरमाती हैं कि मैं ने हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से पूछा कि या रसूल अल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) अगर मुझको शब ए कद्र मालूम हो जाए तो मैं उसमें क्या करूं आप ने फ़रमाया ये दुआ पढ़ा करो:–_*
*_🌹اَللّٰہھُمَّ اِنِّکَ عَفُوٌّتُحِبُّ الْعَفْوَفَاعْفُ عَنِّیْ🌹_*
और
*_🌹اَللّٰہھُمَّ اِنِّیْ اَسْئَلُکَ الْعَفْوَوَالْعَافِیَۃَوَالْمُعَافَاۃَفِی الدِّیْنِ وَالدُّنْیَاوَالْاٰخِرَۃِ🌹_*
*_📕📕📕_*
*_(मिश्कात:182)_*
*_👉🏻 रमज़ान के आख़िरी दस दिनों में पढ़ने के लिए सूरह जिसे कसरत से पढ़ना है।_*
*_👉🏻 सूरह कद्र:–_*
- इन्ना अनज़ल नाहु फ़ी लैयलतिल कद्र, वमा अदराका मा लैयलतुल कद्र, लय्लतुल कदरि खैरुम मिन अल्फि शह्र, तनज्जलुल मलाइकातु वररूहु फ़ीहा बिइज़्नि रब्बिहिम मिन कुल्लि अम्र, सलामुन हिय हत्ता मत लइल फज्र।
*_🌹اِنَّا أَنزَلْنَاهُ فِي لَيْلَةِ الْقَدْرِِo وَمَا أَدْرَاكَ مَا لَيْلَةُ الْقَدْرِِo لَيْلَةُ الْقَدْرِ خَيْرٌ مِّنْ أَلْفِ شَهْرٍٍo تَنَزَّلُ الْمَلَائِكَةُ وَالرُّوحُ فِيهَا بِإِذْنِ رَبِّهِم مِّن كُلِّ أَمْرٍٍo سَلَامٌ هِيَ حَتَّى مَطْلَعِ الْفَجْرِo🌹_*
*_✨तर्जुमा ए कंज़ुल ईमान_*
*_बेशक हमने इस (कुरआन) को शब ए कद्र में उतारा है और आप क्या समझते हैं (कि) शब ए कद्र (फज़ीलत ओ बरकत और अजर ओ सवाब में) हज़ार महीनों से बेहतर है इस (रात) में फरिश्ते और रूह उल अमीन (जिब्राईल) अपने रब के हुक्म से (खैर ओ बरकत के) हर अम्र के साथ उतरते हैं यह (रात) तुलुए फज्र तक (सरा सर) सलामती है।_*
*_(सूरह अल कद्र, 97:5.1)_*
*_👉🏻शब ए कद्र_*
*_हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि रमज़ान के आख़िरी अशरे की ताक रातों में शब ए कद्र को तलाश करो।_*
*_📕📕📕_*
*_(बुखारी 1/271)_*
*_यानी 21,23,25,27,29 में तलाश करना है ये पांच रातों में को8 एक रात शब ए कद्र की है।_*
*_इस रात को पोशीदा रखने में हिक्मत ये है कि अगर ये रात ज़ाहिर होती तो लोग उस रात ज़्यादा इबादत करते और बाकी रातों में गाफिल रहते जबकि रमज़ान की हर रात फज़ीलत वाली है अब जब बंदा शब ए कद्र की तलाश में पांच रातों में शब बेदारी और इबादत करेगा तो उसे दो सवाब मिलेंगे एक शब बेदरी का और दूसरा शब तलाश करने का इंशा अल्लाह।_*
*_✨शब ए कद्र की फज़ीलत:–_*👇
*_हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया कि ये महीना तुम में आया है और उनमें एक रात ऐसी है जो हज़ार रातों से बेहतर है सुब्हान अल्लाह तो जो शख्स उसकी बरकतों से महरूम रह वो तमाम भलाइयों से महरूम रहा।(अल्लाहु अकबर)_*
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*_(इब्न ए माजा)_*
*_✨शब ए कद्र में कयाम (इबादत) की फज़ीलत:–_*👇
*_हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया:–_*
*_जो शब ए कद्र में ईमान और यकीन के साथ कयाम (इबादत) करे तो उसके पिछले सगीरा गुनाह बख्श दिए जाते हैं।(सुब्हान अल्लाह)_*
*_📕📕📕_*
*_(बुखारी/मुस्लिम)_*
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