पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english नात ख्वान ज़ोहेब अशरफ़ी की आवाज में बेहतरीन नात शरीफ पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english हैं मेरे ख़यालों में वो एहसास की सूरत, मैं भूल जाऊं उनको ये मुमकिन ही नहीं है, दिल सुनके उनका नाम धड़कता है अदब से, हालांकि उन्हें आंख से देखा भी नहीं है! पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। यह उनकी रज़ा है मुझे भेजें मुझे रोकें, वापस मैं नहीं आऊंगा, सोचा तो यही है। पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। हैं गुंबदे ख़ज़रा के सिवा और भी जलवे, आंखों के लिए ख़ास, नज़ारा तो यही है। पहुचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। इज़हार ए ग़म ए हिज्...
शाने - ख्वाजा गरीब नवाज - सुल्तानुल हिंद अता ए रसूल ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती अजमेरी रहमतुल्लाहे अलयहे।
👑 आपने बशरी सिफ्तें छोड़कर बुलंद रूहानी दर्जा हासिल किया। आपके पीरो मुर्शिद हजरत ख्वाजा उस्मान हारूनी रहमतुल्लाहे अलयहे आपसे बहुत खुश थे। वो आपको बहुत अजीज रखते थे और फरमाया करते थे : " हमारा मुइन खुदाका मेहबूब हैं। मुझे उसकी मुरीदी पर फख्र हैं।" आप मदनी ताजदार सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम के पाबंद थे। आप फनाफिर्रसुल के दर्जे पर पहुंच गए थे।
👑 आप सारा वक्त रियादत, मुजाहिदा और इबादत में गुजारते थे। आप जियादातर बावुजू रहते थे। आप इशाके वुजुसे फजर की नमाज़ अदा करते थे। आप दिन - रात में दो कुरआन मजीद खत्म फरमाते थे।
👑 आप अपने मुरिदों का बड़ा खयाल रखते थे। अपने पासवालों का आपको खयाल था। आप अपने मुरिदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। आप फरमाया करते थे : " मुईनुद्दीन उस वक्त तक जन्नत में कदम नहीं रखेगा , जब तक अपने मुरीदों और मुरीदों के मुरीदों को, जो कयामत तक सील सिले होंगे, उन सबको जन्नत में न ले जायेगा।"
👑 आप खुदाकी याद में डूबे हुवे रहते। अकसर आंखे बंद रखते। जब नमाज़ का वक्त होता तो आप आँखें खोलते। उस वक्त आपकी ये हालत होती के आपकी नजरे कीमिया असर जिस सख्श पर पड़ जाती वो पलक जपकते ही कामिल वली हो जाता।
👑 आप पर दो किस्म की कैफियत तारी होती । कभी आप हालते जलाल में होते और कभी आप हालते जमाल में होते।
👑 आपका इश्के खुदा आपके मुबारक चेहरेकी गमगिनी और उदासी से जाहिर था। आप अकसर फ़रमाया करते थे: " खुदावंद! जहां कहीं दर्दे मोहब्बत हो, अपने मुईनुद्दीन को अता फरमा।"
👑 आप किसिका राज जाहिर नहीं करते थे। आप अल्लाह तआला के खौफ से कांपते और रोते रहते थे।
👑 आप अपने पीरो मुर्शिद हजरत ख्वाजा उस्मान हारूनी रहमतुल्लाहे अलयहे की बहुत इज्ज़त करते थे। यहां तक के उन के विशाल के बाद उनका रोजा मुबारक आपकी आंखों में फिर जाता, तो आप ताजीम के लिए खड़े हो जाते।
👑 मुख्तसर ये की हजरत ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाहे अलयहे मकामाते गौंसी और कुतबुल अक्ताबी तय कर चुके थे। आप " कुतबे वहदत" के दर्जे पर पहुंच चुके थे। आप महबूबियत के मरतबे पर काइम हो गए थे।
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