Skip to main content

S.A.KHALIFA

पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english

  पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon  Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english नात ख्वान ज़ोहेब अशरफ़ी की आवाज में बेहतरीन नात शरीफ  पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon  Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon  Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english हैं मेरे ख़यालों में वो एहसास की सूरत, मैं भूल जाऊं उनको ये मुमकिन ही नहीं है, दिल सुनके उनका नाम धड़कता है अदब से, हालांकि उन्हें आंख से देखा भी नहीं है! पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। यह उनकी रज़ा है मुझे भेजें मुझे रोकें, वापस मैं नहीं आऊंगा, सोचा तो यही है। पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। हैं गुंबदे ख़ज़रा के सिवा और भी जलवे, आंखों के लिए ख़ास, नज़ारा तो यही है। पहुचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। इज़हार ए ग़म ए हिज्...

बच्चों की तरबियत -दीनी मालूमात

 आज हम जानेंगे की वालीदैन को चाहिए के अपने बच्चो की तरबियत केसे करे

बच्चों की तरबियत
बच्चों की तरबियत
   

 
 आज की मेरी पोस्ट है बच्चों की तरबियत के हवाले से, अपने बच्चो की तरबियत करनेके हवाले से। वालीदैन को चाहिए के अपनी औलाद के हुकूक यानी की तरबियत (परवरिस)  को सही तरीके से करे। वालीदैन को चाहिए के औलाद के हुकूक का खयाल रखें, इन्हे मॉडर्न बनाने के बजाए सुन्नतों पर चलने वाला चलता फिरता नमूना बनाएं, इनके अखलाक संवारें, बुरी सोहबत से दूर रखें, सुन्नतों भरे मदनी माहोल से वाबस्ता करें। फिल्मों ड्रामों गानों बाजों और बुरे रश्मों रिवाजों से भरपूर  और यादें खुदा व मुस्तफा से दूर  करने वाले फंक्सनों से बचाएं।

आज कल सायद मां बाप औलाद की तरबियत यही समझते हैं की इनको दुनियावी तालीम मिल जाए, हुनर और माल कमाना आ जाए। ये तालीम भी जरूरी है दुनियावी लिहाज से पर सिर्फ यही सीखा कर दीनी तालीम से मेहरूम ना रखा जाए।

एक  बात पर आज सबसे ज्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है की आज कल
वालीदैन को अपने लख्ते जिगर के लिबास और बदन पर लगे हुवे मैल कुचैल और गंदगी से बचने का जेहन पूरा बना होता हैं मगर अपने बच्चे के दिलों दिमाग और आमाल की पाकिजगी का कोई खयाल नहीं होता। 

अल्लाह
अजवजल्लाह के महबूब और हमारे प्यारे नबी स. अ. व. का फरमान ए निशान है: " अगर कोई शख्स अपनी औलाद को अच्छी तरबियत (अदब)  सिखाए तो वोह उस के लिए एक साअ जितना सदका करने से अफजल हैं।"

अपनी
औलाद को बेहतरिन तरबियत देना हर मां बाप पर फर्ज हैं। क्योंकि अगर बच्चे की तरबियत सही तरीके से नहीं होती तो सिर्फ दीनी ही नही बल्कि दुनियावी नुक्सान भी हमे देखने मिलते हैं।


जब एक शौहर और बीवी मां-बाप बनते हैं तो सबसे बड़ा सवाल उनके सामने होता है कि अपने बच्चो की तरबियत कैसे करे?साधारण शब्दों में तरबियत का मतलब होता है अपने बच्चों को सही मायने में शिक्षित करना , उन्हें अच्छी तालीम देना, बच्चे को दीनी और दुनियावी दोनो तालीम देना । और ऐसी तरबियत के लिए सबसे पहले मां बाप को अच्छा, नेक और ख़ुश अखलाक़ बनना होगा तभी बच्चे भी सीखेंगे। 

बच्चों की तरबियत  का एक उसूल ये भी है की माँ बाप के तौर तरीको का अक्स ( नकल) बच्चो के अन्दर आता है, माँ बाप के अखलाक ( बर्ताव) अच्छे हो , मां बाप मिलनसार हो तो बच्चों के अन्दर ये सिफत ( खासियत ) खुद ब खुद आ जाती हैं । क्योंकि बच्चे छोटी छोटी चीज़े ही जल्दी सीख जाते हैं जो माँ बाप में होती है ।

मां बाप को चाहिए के बच्चों के सामने कोई बुरे बरताव जैसे की लड़ाई , जगड़े, तू तड़ाक से बात करना, खुदके बड़ो से बुरे तरीके से पेश आना, हसी मजाक से किसी का दिल दुखाना, अपने परिवार के साथ कट कर रहना, अपने मां बाप की इज्जत ना करना, और भी बहोत से ऐसे बद अखलाक वाले आमाल है जो की "जैसा बोओगे वैसा काटेंगे" जैसी बात है। इसलिए सिर्फ अपने बच्चो के सामने ही नहीं बल्की अपने खुद के आमाल को भी सुधारे। ताकि आप का आने वाला कल भी सिक्योर रेह सके। क्यूंकि जो आपके बच्चे आज आपसे सीखेंगे और देखेंगे वोही आपका आने वाला कल बनेगा।

कुछ दीनी मालूमात जो आप सबके लिए अपने बच्चो की अच्छी तरबियत के लिए जान लेना जरूरी हैं।

अपने बच्चे के दिल में मुहब्बत पैदा करें।

जिस भी इंसान के दिल में मुहब्बत होगी उसका दिल रहम करने वाला होगा। वो इंसान कभी किसी को तकलीफ न देगा। इसलिए हमें चाहिए की अपने बच्चों के दिलों में मुहब्बत पैदा करें। उन्हें ख़ुश अखलाक़ बनाये। और खुश अखलाक बनाने के लिए उन्हें अक्सर गले लगायें, माथे पे बोसा ले( चूमना )। ताकि इस तरह धीरे धीरे उनके दिलों में भी आपके लिए मुहब्बत पैदा हो जाएगी।और जब इस तरह बच्चों की तरबियत  में मां बाप के लिए मुहब्बत होगी तो बुढ़ापा भी अच्छा गुज़रेगा।

मां बाप का अपने बच्चे पर गुस्सा करना।

बच्चों से ख़ूब मोहब्बत करें, उनसे प्यार से पेश आएं लेकिन फिर भी उनसे इतनी दूरी बना कर रखें कि वो आपकी मोहब्बत का गलत फायदा ना उठा सके। हर चीज़ की एक सीमा होती है इसलिए इतना भी लाड़-प्यार ना करने लग जाए कि वह हर बात को नजरअंदाज़ करने लगे और उसका गलत फायदा उठाने लगे । मगर इतना सख्ती और गुस्सा भी नहीं करनी चाहिए की बच्चे दहशत में जीने लगे।

ज़्यादा सख्ती भी गलत बात है इससे या तो बच्चों में डर पैदा हो जाएगा या फिर आप को नजरअंदाज़ करना शुरू कर देंगे। इसलिए बच्चों की तरबियत में सख्ती भी इस हद तक दिखाएं कि कोई गलती करने पर आपकी डांट और मार का डर भी बच्चों में रहना चाहिए ।

अपने बच्चों के अच्छे दोस्त बनें।

बच्चों की तरबियत और भी बेहतर करने के लिए उनसे दोस्ती का हाथ बढाए । उनको इस बात का यकीन दिलाए की आप उनकी हर परेशानी को चुटकियों में हल कर देंगे। जब भी वो कुछ कहें उन्हें गौर से सुनें। किसी परेशानी या गलती में बच्चों की गलती हो तो तब भी सीधे उन्हें तब ही ना डांटे क्युकी फिर दुबारा वो अपनी गलती को कभी नहीं बताएँगे आपको, आपकी डांट के डर की वजह से। इसलिए पहले बच्चों की बात सुन लिया करे एक दोस्त की तरह और फिर मौका मिले तब सबक सिखाते हुवे उन्हें अपनी उस गलती को दुबारा ना करे इस बात को सिखाए।

अपने बच्चों की गलतियों पर उन्हें सज़ा देना।

गलती होने पर कोशिश करें हाथ ना उठाए उनपे। बच्चों की तरबियत के लिए  ये बहुत ज़रूरी बात है। बहुत हद तक कोशिश करें कि उनको गलती सुधारने का मौका दिया जाए। उनको उनकी गलती बताई जाए जिससे कि उन्हें भी सही गलत का मालूम हो सके। जब हम पहली कोई छोटी मोटी गलती होने पर उनको मार देंगे, तो दोबारा वह  बड़ी गलती करने पर भी कभी नहीं चाहेंगे की उन्हें मार पड़े। इसलिए वो तभी से गलती को छिपाना सिख जायेंगे और ऐसी छोटी छोटी गलतियां फिर बड़े गुनाह बन ने में देरी भी नही करती हैं। इसलिए ज्यादा सख्ती से पेश न आए।

ये भी पढ़े : रिस्तेदारों के एहतराम

मगर हां अगर कोई बड़ी गलती हो तो उस पर ज़रूर सख्ती से एक्शन लिया जाना चाहिए जिससे कि अगली बार ऐसी गलती करने से पहले ही आप के गुस्से और मार को याद कर ले और गलती करने से रुक जाए। जब कभी भी किसी बड़ी गलती पर बच्चों को मारना हो तो दिल में इस बात को हमेशा याद रखें की बच्चों को सिखाना है ना कि अपने गुस्से की भड़ास निकालनी है। 

अपने बच्चों को नरम मिज़ाज बनाए।

बच्चों के सामने हमेशा दिल की नरमी से ऐसा काम करें की उनका दिल भी वैसा हो जाए। जैसे की गरीबों को सदका और खैरात देना निदामत ( Respect ) के साथ और उनको इस तरह मदद किए हुए पैसों का फायदा बताएं। जैसे कि दिल को सुकून मिलता है, मौत के बाद जन्नत में भी इस नेक कामों से फायदा मिलता हैं, और भी सारी बातें बताए। कोशिश करें की  गरीबों को सदका और खैरात बच्चों के हाथ से ही दिलवाए, इससे उनका दिल कभी सख्त नहीं होगा, और बचपन से सखावत का जज्बा पैदा होगा और बड़े होने के बाद भी जवानी की गर्मजोशी में जो घमंड आ जाता है, उस वक्त वो हर किसीके साथ रेहम दिलि से पेश आने वाले बन जायेंगे।

अपने बच्चो की अच्छी इस्लाह करना।

बच्चों की तरबियत के लिए उनके कभी भी भूत वगैरह से ना डराए। उन्हें हमेशा इस बात का एहसास दिलाये की अल्लाह हमें देख रहा है इसलिए जब कभी कोई डराने वाला नहीं रहेगा तब भी उनके अन्दर ये डर रहेगा की अल्लाह हमें देख रहा है। वह गुनाहों की तरफ नहीं जाएंगे , क्योंकि भूत का डर सिर्फ रात में होगा और अल्लाह का डर हमेशा रहेगा।

अपने बच्चों की तरबियत में मां किरदार।

जैसा कि कहा जाता है कि बच्चों की तरबियत में मां का किरदार अहम होता है। मां का प्रभाव बच्चों पर बहुत ज्यादा पड़ता है। बच्चे वही चीजें अक्सर करते हैं जो मां को करते हुए देखते हैं। मां से ही बच्चे दुनिया की अच्छी और बुरी चीजों के बारे में  कुछ सीखते हैं। बच्चे मां से ही ये जान पाते हैं कि क्या चीज सही है और क्या चीज गलत है।

बच्चे एक मिट्टी के घड़े की तरह होते हैं जिन्हें जैसे चाहे वैसे ढाल सकते हैं अगर बच्चा अपनी मां को अच्छी चीजें करते हुए देखता है तो वोह उसे सीख लेता है, और अगर वोह अपनी मां को कुछ बुरा करते हुए देखता है तो वो भी बहुत जल्दी सीखता है। बच्चे बहुत ही नाजुक होते हैं इसलिए मां का किरदार ऐसा होना चाहिए कि वह अपने बच्चों को बहुत ही प्यार से हर चीज के बारे में बताएं, बच्चों पर सख्ती करने से वह बहुत जिद्दी हो जाते है, इसलिए उन्हें अच्छी तरबियत दे सही तरीके से। मां को चाहिए के बाप के बारे में बच्चे के सामने एहतराम किया करे ताकि बच्चे को बाप की एहमियत और उसके रूतबे का खयाल रहे और बच्चा बाप का अदब और एहतराम करे।

ये भी पढ़े : ईमान ताजा करने वाली बातें

बच्चों के पालन पोषण में और बच्चों की तरबियत में मां का किरदार पहले शिक्षक या उस्ताद की तरह होता है। बच्चे जो मां को करते हुए देखते हैं वही सीखते हैं। इसलिए मां को चाहिए कि अगर किसी बात पर बाप अपने बच्चों को डांटता है तो वो अपने बच्चों को सपोर्ट ना करें। अगर वो ऐसा करती है तो बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ता है।

बच्चों की तरबियत में बाप के किरदार की एहमियत।

जैसा कि कहा जाता है कि बच्चों की तरबियत में मां का महत्व बहुत महत्वपूर्ण होता है उसी तरह बच्चों की तरबियत में एक बाप की भी बहुत एहमियत होती है। अक्सर देखा जाता है कि बाप का रवैया बच्चों के साथ बहुत सख्त होता है। वो बात बात पर बच्चों को डांट दिया करते हैं ऐसा नहीं करना चाहिए।

बच्चे बहुत ही कोमल होते हैं, बिल्कुल एक फूल के जैसे। जरा सी सख्ती पर ही टूट कर बिखर सकते हैं। अगर मां अपने बच्चों को कुछ सिखाती है या बताती है तो बाप को चाहिए कि वो अपने बच्चे को ये शिक्षा दे कि बेटा जो तुम्हारी मां कह रही है उसे मानो। ताकि मां की एहमियत बच्चे के मन में बडकर ही रहें। और बच्चा अपने मां से अच्छा व्यवहार करना सीखे।

बहुत से बाप को देखा जाता है कि वह अपने बच्चों को गलत बात पर भी नहीं रोकते जिससे बच्चे बिगड़ जाते हैं, और उनके मन में किसी बात का डर नहीं रहता जिससे उनका भविष्य खराब हो सकता है। इसलिए बाप को चाहिए की  सही वक्त पर प्यार और सही वक्त पर डांट दोनो का बैलेंस बनाए रखें।

अपने बच्चे की मोबाइल से दूरी बनाये रखे।

आज कल के माहोल में आम तौर पर देखा गया की बच्चे रोने लगते हैं तो घर वाले मोबाइल में विडियो दिखा कर बच्चे को  चुप करा देते हैं। उस वक़्त के लिए तो अच्छा है की बच्चा रोना बंद कर देता हैं। मगर यही चीज़ उसके चिड़चिड़ा होने की वजह भी बन जाती है। क्युकी फिर थोड़ी देर अगर मोबाइल ना मिला तो फिर से रोना शुरू कर देंगा।

जैसे की हम जब भी ऑनलाइन विडियो देखते हैं तो चलते चलते वीडियो अगर रुक जाता है तो खुद ही गुस्सा आ जाता है  बिलकुल वैसे ही बच्चे धीरे धीरे गुस्सा करके चिड़चिड़े हो जाते हैं । जो की बच्चो की तरबियत  में बहुत बड़ा नुक्सान होगा . इसलिए सब बातों का ध्यान रखना होगा।

ये भी पढ़े : दिल को छु जाने वाली बातें

आखिर में सबसे जरूरी बात 

बच्चों की तरबियत में उन्हें इंशा अल्लाह , माशा अल्लाह , सुबहान अल्लाह जैसे अलफ़ाज़ सिखाएं ताकि ये चीज़े उनको दीन और दुनिया दोनों जगह फायदा पहोंचा सके।


जजाकल्लाह





Comments

  1. Very nice..very useful and informative content

    ReplyDelete
  2. Sundarta very informative content. Your content helped me a lot. Sundarta Post

    ReplyDelete

Post a Comment

My popular post is here

नात लिरिक्स - हाल ए दिल किसको सुनाए-Naat lyrics in hindi

हाल ए दिल किसको सुनाए,,,, नात शरीफ लिरिक्स इन हिंदी।। हाल ए दिल किसको सुनाए एक बोहोत ही खूबसूरत  नात शरीफ के कलाम है जिसको यहां पर मैने हिंदी लिरिक्स में लिखा है।। दिल को छू जाने वाले कलाम और दर्द मंदो के दिल की आवाज जो हमारे नबी से दिल के अल्फाज के जरिए से बयां किए गए है।। कभी कभी दुआ को हम अपने अल्फाज से बोल कर बयां नहीं कर सकते पर तब ऐसी नात या कलाम के ज़रिए से हम अपने आका के  सामने अपने दिल की सारी ख्वाहिश रख दिया करते है।। हमारा सिर्फ जुबान से दुआ मांगना और इसके साथ साथ दिल की आवाज और अपने अश्कों के जरिए ऐसी कलाम को सुनकर या पड़कर दुआ मांगना  ऐसा है जैसे कोई गिफ्ट पैक करके उसे डेकोरेट करके किसीके सामने पेश किया जाए।। जैसे की गिफ्ट बेहतरीन अंदाज के साथ किसीको दी जाए तो लेने वाले की खुशी दुगनी हो जाती है,, बिलकुल वैसे ही ऐसी नात शरीफ को सुनकर या इस को पड़कर दुआ मांगना यानी की अपने अल्फाज , अश्क, दिल , अपने हाल, अपने दिमाग, और अपनी ख्वाहिसात के साथ दुआ मांगना है।।। और यकीन मानिए अगर इन सब फीलिंग के साथ आप कोई भी नात अगर पड़ेंगे तो आपको...

dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेनेका सही वक्त/दीनी मालूमात इन हिंदी

dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेनेका सही वक्त/दीनी मालूमात इन हिंदी हम इस पोस्ट में हम जानेंगे dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेनेका सही वक्त/दीनी मालूमात इन हिंदी । दुआ एक ऐसी इबादत हैं जो अगर बंदा अपने आपको अपने रब की बारगाह में पेश करके सुकून के साथ दिल और रुह के जरिए से बातें करता है और अपने हाल को बयां करता है।   दुआ यानी की अपने रब अजवजल्लाह यानी की पाक परवरदिगार की तारीफ करना और जो बातें या जो हाल  दुनिया में किसी से भी ना कह सके वो बातें अल्लाह पाक के साथ करना और अपने दिल के सारे राज अपने रब के हुजूर पेश करना। दुआ भी एक तरीके से इबादत ही हैं और अल्लाह पाक को सबसे ज्यादा पसंदीदा चीज ये को बंदा अपने रब से मांगे और अल्लाह अजवजल्लाह अपने बंदे को उसके मांगने पर उसकी जायज हर मुराद , उम्मीद और हर जायज दुआ को कुबूल और मकबूल करें। हम इस पोस्ट में dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होे...

दीनी मालूमात क्वाट्स इन हिंदी/किरदार की खूबसूरती /dini malumat quotes in hindi

दीनी मालूमात क्वाट्स इन हिंदी/किरदार की खूबसूरती /dini malumat quotes in hindi दीनी मालूमात क्वाट्स इन हिंदी - कुछ खास किरदार की खूबसूरती पर क्वाट्स इन हिंदी।👇 1 ✨किरदार देख कर लोग हो जाते हैं मुरीद,      हम ज़बरदस्ती दिलों पर कब्ज़ा नहीं करते। 2 ✨किरदार शिद्दत से निभाइये ज़िन्दगी में,      क्यूंकि कहानी एक दिन सभी को बन जाना है। 3✨बरसों सवारते रहें अपने किरदार को,     मगर कुछ बाजी मार गए अपनी सूरत सवार के। 4✨यूँ तो फिर कई किरदार होते हैं इंसान के,     पर, जो जैसा समझे बस वही बन जाता हैं इंसान। 5 ✨किरदार की अजमत को कभी गिरने मत देना,     क्यूंकि मौत के बाद एक यही चीज है जो याद बन कर रेहजाती हैं। 6✨लाख सजरे खंगाल लो साहब,     वास्ते पड़ते ही किरदार  सबके खुलते हैं। 7✨वजूद जितना भी हसीन हों किसिका,     आखिर किरदार बाजी मार ही जाता हैं। 8✨चढ़ता है नज़रो में शख्स तो बस अपने किरदार से ,      यूँ ही किसी इंसान की इज़्जत नहीं होती । 9 ✨किरदार अपना पहले बनाने की बात क...

Aey Saba Mustafa Se Keh Dena Naat Lyrics In hindi/ऐ सबा मुस्त़फा से कह देना नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी

Aey Saba Mustafa Se Keh Dena Naat Lyrics In hindi/ऐ सबा मुस्त़फा से कह देना नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी नात लिरिक्स इन हिंदी में इस ब्लॉग में नात लिरिक्स हैं, Aey Saba Mustafa Se Keh Dena Naat Lyrics In hindi/ऐ सबा मुस्त़फा से कह देना नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी ये नात शरीफ आका ए दो जहां मोहम्मद मुस्तफा सलल्लाहो अलयहे व आलेही  वसल्लम की बारगाह में सलाम पेश करने के लिए पढ़ी जाती हैं। इस नात की हिंदी लिरिक्स ये रहें।👇 Aey Saba Mustafa Se Keh Dena Naat Lyrics In hindi/ऐ सबा मुस्त़फा से कह देना नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी👇 ऐ सबा मुस्त़फा से कह देना, ग़म के मारे सलाम कहते हैं। याद करते है तुमको शाम-ओ-सहर, बे-सहारे सलाम कहते हैं। ऐ सबा मुस्त़फा से कह देना , ग़म के मारे सलाम कहते हैं। अल्लाह अल्लाह हुज़ूर की बातें, मरहबा रंगो नूर की बातें, चांद जिनकी बलायें लेता है, और तारे सलाम कहते हैं। ऐ सबा मुस्त़फा से कह देना, ग़म के मारे सलाम कहते हैं। ज़ाईरे क़ाबा तू मदीने में, मेरे आक़ा से इतना कह देना, प्यारे आक़ा रसूल सुन लीजे, ग़म के मारे सलाम कहत...

नात लिरिक्स -मुश्किल को मेरी हल करो - नात लिरिक्स इन हिंदी

मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली, नात लिरिक्स इन हिंदी। मुश्किल को मेरी हल करो - नात लिरिक्स इन हिंदी मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली, नात लिरिक्स इन हिंदी।  Poet: Zeeshan Abidi: Composition: Saiyad Raza Abbas Zaidi दिल को छू जाने वाली नात शरीफ है ये । अपनी मुश्किल में मौला अली मुश्किल कुशा को याद करते हुवे और दिल से मेहसूस करते हुवे इस नात को जरूर पढ़े। जिसके अल्फाज हैं, " मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली" । ऐ कुल के मददगार सरदारों के सरदार, मुश्किल कुशा हो मेरे मौला मेरे सरकार। गर तुम ना करोगे तो करम कौन करेगा, गर तुम ना सुनोगे तो मेरी कौन सुनेगा। जहरा की मुसीबत का तुम्हे वास्ता अली, मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली। मौला मेरी निगाहों को हासिल हो ये सरफ, जीते जी एक बार दिखा दो मुझे नजफ, सांसों का रुक न जाए कहीं सिलसिला अली। मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली। मुश्किल घड़ी है कीजिए आसान रास्ते, सब पर करम हो बाली सकीना के वास्ते। तुम बिन नहीं है कोई मेरा आशरा अली, मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली। अय किबरिया की शान मोहम्मद ...

Ya Nabi Salam Alayka-naat lyrics in hindi/या नबी सलाम अलैका-नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी

Ya Nabi Salam Alayka-naat lyrics in hindi/या नबी सलाम अलैका-नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी ये कलाम  Ya Nabi Salam Alayka-naat lyrics in hindi/या नबी सलाम अलैका-नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी  आका ए दो जहां मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम की बारगाह में सलाम पेश करने के लिए खास तौर पर पढ़ा जाता हैं।  बोहोत ही ख़ूबसूरत सलाम ( नात ) है जिसमे आका ए दो जहां मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम की दिल से, मोहब्बत से भरपूर बढ़ाई (तारीफ) की हैं और बंदा अपने लिए इस बढ़ाई (तारीफ) के जरिए अपने लिए दुआएं भी करता हैं। बोहोत ही प्यारा सलाम और हर आशिक की तरफसे दिलसे सलाम पेश करते हुवे ये रही नात की हिंदी लिरिक्स । Ya Nabi Salam Alayka-naat lyrics in hindi/या नबी सलाम अलैका-नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी👇 या नबी सलाम अलैका , या रसूल सलाम अलैका, या हबीब सलाम अलैका, सलवातुल्लाह अलैका। भेज दो अपनी अताएं,😌 बख्श दो सबकी ख़ताएँ🤲 दूर हो ग़म की घटाएँ,  वज्द में हम यूँ सुनाएँ, या नबी सलाम अलैका…...। या नबी सलाम अलैका , या रसूल सलाम अलैका, या हबीब ...

नात लिरिक्स -मेरे सरकार मेरी बात बनाए रखना -naat lyrics in hindi

मेरे सरकार मेरी  बात बनाए रखना   करदो करम आका करदो करम।।।🙏 💥✨💥✨💥✨💥✨💥✨💥✨💥 नजरे करम सरकार नजरे करम सरकार।।।💞 अपनी निस्बत से मै कुछ नही हूं ।।।😌 इस करम की बदौलत बड़ा हूं।।✨ उनके टुकड़ों से अयजाज पा कर।।💫 ताजदारो की सफ में खड़ा हूं।।।👑 अपने दामाने सफा अत में छुपाए रखना।।।😌🙏 अपने दामाने सफा अत में छुपाए रखना।।।🤲 मेरे सरकार मेरी  बात बनाए रखना ।।।😌🙏 मेरे सरकार मेरी बात बनाए रखना ।।।😌🙏 मैंने माना की निकम्मा हूं मगर आपका हूं।।।😔 मैंने माना की निकम्मा हूं मगर आपका हूं।।।😔 इस निकम्मे को भी सरकार निभाए रखना ।।।🙏🤲 इस निकम्मे को भी सरकार निभाए रखना ।।।🙏🤲 मेरे सरकार मेरी बात बनाए रखना ।।।।।😌🙏 आप याद आए तो फिर याद ना आए कोई।।।💞 आप याद आए तो फिर याद ना आए कोई।।।💞 गैर की याद मेरे दिल से भुलाए रखना ।।।✨💫 मेरे सरकार मेरी बात बनाए रखना ।।।😌🙏 जब सवा नेजे पे खुर्सिद कयामत आए।।।😌 जब सवा नेजे पे खुर्सिद कयामत आए।।।😌 अपनी जुल्फों के गुनाहगार पे साए रखना ।।।🙌💫 ❤""हम सियाहकारो पे या रब तपीसे महशर में, सारा अफगन हो तेरे प्यारे के प्यारे गेसू।।""❤ अपनी जुल्फो...