Skip to main content

S.A.KHALIFA

पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english

  पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon  Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english नात ख्वान ज़ोहेब अशरफ़ी की आवाज में बेहतरीन नात शरीफ  पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon  Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon  Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english हैं मेरे ख़यालों में वो एहसास की सूरत, मैं भूल जाऊं उनको ये मुमकिन ही नहीं है, दिल सुनके उनका नाम धड़कता है अदब से, हालांकि उन्हें आंख से देखा भी नहीं है! पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। यह उनकी रज़ा है मुझे भेजें मुझे रोकें, वापस मैं नहीं आऊंगा, सोचा तो यही है। पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। हैं गुंबदे ख़ज़रा के सिवा और भी जलवे, आंखों के लिए ख़ास, नज़ारा तो यही है। पहुचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। इज़हार ए ग़म ए हिज्...

दीनी मालूमात/Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi/2023 शबे बरात की फजीलत इन हिंदी

दीनी मालूमात/Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi/2023 शबे बरात की फजीलत इन हिंदी

आज हम दीनी मालूमात में जानेंगे दीनी मालूमात/Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi/2023 शबे बरात की फजीलतसब ए बरात यानी की साबान की पंद्रहवी (15) रात। इस रात की बोहोत सी फजीलतें हैं। हम इस दीनी मालूमात वेबसाइट के जरिए Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi/2023 शबे बरात की फजीलत को जान ने की और समझ कर अमल करने की कोशिश करेंगे।

मेने यहां पर शबे बरात की फजीलत बहुत ही आसान लफ्ज़ों में पेश कि है जिसे आप आसानी से पढ़ कर समझ जाएंगे।

हम सभी के दरमियान हर साल शबे बरात अपनी बेशुमार रहमत व बरकत लेकर आती है । और इसकी रहमत और बरकत को हम सब हासिल करने के लिए शबे बरात की रात में सब ए बरात की नमाज़ पढ़ते हैं।

इस रात में हम सब खूब इबादत जैसे 👉 कुरान पाक पढ़ना, दुआ अज़कार करना, नफील नमाजें पढ़ना और दिन में रोजा रखना, ऐसे इबादत में डूबे रहते हैं जिसकी फजीलत बहुत है आज यहां इसकी ही फजीलत आप जानेंगे।

Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi/सब ए बरात की फजीलत इन हिंदी

  1. शबे बरात कि रात में अल्लाह आसमाने दुनिया पर तजल्ली फरमाता है और ढेर सारे बन्दों कि गुनाहों की मगफिरत करता है।
  2. अल्लाह तआला का फरमान-ए-आलिशान है कि शबे बरात की रात दो रकात नमाज पढ़ना चार सौ बरस की इबादत से बेहतर होगा।
  3. शबे बरात की रात की गई दुआ कुबूल होती है मुहम्मदे अरबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने शाबान की पन्द्रहवीं रात के बारे में फ़रमाया कि इस रात की दुआ रद नहीं की जाती।
  4. शबे बरात में 100 रकात नफ्ल नमाज पढ़ने से एक सौ फ़रिश्ते तीस जन्नत कि खुश खबरी, तीस दोजख के अजाब, तीस दुन्या की आफत दुर करेंगे और 10 शैतान के जाल से बचाएंगे।

Shab E Barat Ki Fazilat ki Hadees/ सब ए बरात की फजीलत की हदीस

एक हदिस के मुताबिक रसूललल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया खुश खबरी है उस शख्स के लिए जो शाबान की पन्द्रहवीं शब में अमल ए खैर करे।💐

एक हदिस पाक के मुताबिक रसूललल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया जिसने शाबान की पन्द्रह तारीख का रोजा रखा उसको कभी आग न छुएगी।💐

एक हदिस के मुताबिक बेशक अल्लाह तआला अज्जवजल्लाह महर बानी फरमाता है मेरी उम्मत के गुनहगारों पर शाबान की पन्द्रहवीं रात शबे बरात में कबीला बनी कल्ब व कबीला रबी और मुदिर की बकरीयों के बालों की तादाद के बराबर लोगों की बख़्शिश व मग़फिरत होती है।💐

आपको बताते चलें कि बनी कल्ब, रबी और मुदिर यह अरब के तीन मशहूर कबीले हैं इन तीनों कबीलों के पास बहुत ज्यादा बकरियां थी। रिवायत है कि इन के हर एक कबीले की लोगों की बकरीयों की तादाद बीस हजार से ज्यादा थी।💐

इस इरशाद से मुराद यह है कि इस मुबारक रात की बरकात इस कदर ज्यादा है, कि अल्लाह तआला अज्जवजल्लाह उम्मत के गुनहगारों की बड़ी तादाद को बख़्शिश व मग़फिरत फरमाता है जो बेशुमार व बेहिसाब है।💐

एक हदिस के मुताबिक हज़रत अबु बक्र सिद्दिक रदिअल्लाहों तआला अन्हुं से रिवायत है।  इरशाद फरमाया:- रसूललल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने कि,,, ,""ऐ लोगो शाबान की पन्द्रहवीं रात को उठो बेशक शाबान की पन्द्रहवीं रात लयलतुल मुबारका है। पस बेशक अल्लाह तआला अज्जवजल्लाह इस रात इरशाद फरमाता है कि, क्या मुझ से बख़्शिश व मग़फिरत का चाहने वाला है कि मैं उसकी मग़फिरत कर दूं।""💐

शबे बरात पर हुज़ूर गौसे पाक का फरमान💐💐💐

हुज़ूर गौसे आज़म महबूब सुब्हानी सय्यिदिना शाह अब्दुल कादिर मुहीउद्दीन जिलानी रदीअल्लाह अन्हों ने फ़रमाया शाबान में पांच हर्फ हैं शीन, ऐन‌ ,बा ,‌अलिफ, नून हर हर्फ एक फैजान लेकर आता है।और इशारा करता है
👉 शीन शराफत, 👉 ऐन उलु व बुलंदी, 👉ब बिर यानी नेक, 👉अलिफ यानी मुहब्बत अखुव्बत और 👉नून नूर लेकर आता है गोया इस महिने में शरफ , बुलन्दी , नेकी, मुहब्बत व उलफत और नूर का नुज़ूल होता है।💐💐💐


शबे बरात के चार ख़ास नाम💐💐

  • लयलतुल बरात – निजात वाली रात
  • लयलतुर रहमा – रहमत वाली रात
  • लयलतुल मुबारका – बरकत वाली रात
  • लयलतुश‌ शाक – परवाना मिलने (चैक) मिलने वाली रात


शबे बरात में किन लोगों की मगफिरत नहीं होती💐💐💐

जन्नती सहाबी हजरते उबय बिन का’ब रजियल्लाहु अन्हुं यह फरमाते हैं कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया:- कि मेरे पास हजरते जिब्रिल अलैहि सलाम शबे बरात में हाजिर हुए और मुझ से कहा कि उठ कर नमाज अदा फरमाइये और अपना सर और हांथ मुबारक आस्मान कि तरफ उठाइए मैंने पुछा ऐ जिब्रिल यह कैसी रात है।

अर्ज कि या मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ये वो रात है कि जिसमें आसमान और रहमत के 300 दरवाजे खोल दिए जाते हैं। अल्लाह पाक के साथ शरीक ठहराने वालों, आपस में बुग्ज व किना रखने वालों, शराबीयों और बदकारो के अलावा सब की मगफिरत कर दी जाती है।💐

इन लोगों की मगफिरत उस वक्त तक नहीं होती जब तक सच्ची तौबा न कर लें, अलबत्ता शराब के आदी के लिए रहमत के दरवाज़े में से एक दरवाजा खुला छोड़ दिया जाता है यहां तक कि तौबा कर ले जब वो तौबा कर लेता है तो उस की मगफिरत कर दी जाती है।🙌

इसी तरह किना रखने वाले के लिए भी रहमत के दरवाज़े में से एक दरवाजा खुला छोड़ दिया जाता है,,, यहां तक कि वो अपने साथी से जब तक बात न कर ले जब तक वो जिस से किना रखा था उस से बात कर लेता है तो उस की भी मगफिरत कर दी जाती है।🙌

शबे बरात की रात की खास फसीलत जानिए/सब ए बरात की नेअमत💐💐

इस मुबारक रात को हर शख्स का रिज्क लिख दिया जाता है कि इस साल इस तरह से इसको मिलेगा और इतना इस्तेमाल करेगा।💐

इसी तरह अजल भी लिख दी जाती है कि फला शख्स इतनी मुद्दत तक जिन्दा रहेगा और फलां वक्त पर जिंदगी से रूखसत होगा।💐

इसी तरह जो काम आइंदा साल होने वाला होता है,, सब कुछ लिख दिया जाता है इस रात में नई फेहरिस्त तैयार की जाती है और बारगाहे इलाही में पेश की जाती है।💐

शबे बरात की रात को क्या पढ़ना चाहिए?💐

शबे बरात की रात को शबे बरात की नफ्ल नमाज, कुरान पाक और दुआ पढ़ना चाहिए।💐

शब ए बारात में किसकी फ़ातिहा होती है?,💐

शब ए बारात में अपने गुजरे अहलो‌ अयाल पुर्खों की फ़ातिहा होती है इस रात उनकी रूह घरों में आती है।💐

शब ए बारात में मुसलमान क्या करता है?💐

शब ए बारात में हर मुसलमान अल्लाह कि इबादत करता है जिसमें नमाज और कुरान पढ़ता है।💐

शबे बरात के दिन कौन सी नमाज पढ़नी चाहिए?💐

शबे बरात के दिन बाद नमाज जुहर दो दो रकात करके 4 रकात नफ्ल नमाज सूरह इखलास के साथ पढ़ना चाहिए।💐


आख़िरी बात,💐💐💐👇

मैने  इस पोस्ट के जरिए दीनी मालूमात/Shab E Barat Ki Fazilat In Hindi/2023 शबे बरात की फजीलत इन हिंदी में पूरी डिटेल आसान शब्दों बताने की कोशिश की हैं। इन शा अल्लाह आप को पूरी बातें समझ में आ गई होंगी।

खास ध्यान रखें 💐🙏👇

ऐसी मुबारक व मुकद्दस रात की कद्र न करना इबादत में सुस्ती व काहिली करना सिनेमा बिनी, चाय खानो में रात बिताना आतिश बाजी खुद जलाना या बच्चों की आदत डालना रात लहु व लअब और गप शप में गुजार देना बदकारी करना लोगो को सताना गिबत और चुगली में वक्त जाया करना।

तमाम रात सोते पड़े रहना यह तमाम बातें खुदा और उसके रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की नाराज़गी है अल्लाह तआला से दुआ है कि तमाम मुसलमानों को आमाले सालेहा की तौफिक अता फरमाए आमीन। आप भी अपने नेक दुआओं में हमें याद रखें शुक्रिया।


Comments

My popular post is here

नात लिरिक्स - हाल ए दिल किसको सुनाए-Naat lyrics in hindi

हाल ए दिल किसको सुनाए,,,, नात शरीफ लिरिक्स इन हिंदी।। हाल ए दिल किसको सुनाए एक बोहोत ही खूबसूरत  नात शरीफ के कलाम है जिसको यहां पर मैने हिंदी लिरिक्स में लिखा है।। दिल को छू जाने वाले कलाम और दर्द मंदो के दिल की आवाज जो हमारे नबी से दिल के अल्फाज के जरिए से बयां किए गए है।। कभी कभी दुआ को हम अपने अल्फाज से बोल कर बयां नहीं कर सकते पर तब ऐसी नात या कलाम के ज़रिए से हम अपने आका के  सामने अपने दिल की सारी ख्वाहिश रख दिया करते है।। हमारा सिर्फ जुबान से दुआ मांगना और इसके साथ साथ दिल की आवाज और अपने अश्कों के जरिए ऐसी कलाम को सुनकर या पड़कर दुआ मांगना  ऐसा है जैसे कोई गिफ्ट पैक करके उसे डेकोरेट करके किसीके सामने पेश किया जाए।। जैसे की गिफ्ट बेहतरीन अंदाज के साथ किसीको दी जाए तो लेने वाले की खुशी दुगनी हो जाती है,, बिलकुल वैसे ही ऐसी नात शरीफ को सुनकर या इस को पड़कर दुआ मांगना यानी की अपने अल्फाज , अश्क, दिल , अपने हाल, अपने दिमाग, और अपनी ख्वाहिसात के साथ दुआ मांगना है।।। और यकीन मानिए अगर इन सब फीलिंग के साथ आप कोई भी नात अगर पड़ेंगे तो आपको...

dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेनेका सही वक्त/दीनी मालूमात इन हिंदी

dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेनेका सही वक्त/दीनी मालूमात इन हिंदी हम इस पोस्ट में हम जानेंगे dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेनेका सही वक्त/दीनी मालूमात इन हिंदी । दुआ एक ऐसी इबादत हैं जो अगर बंदा अपने आपको अपने रब की बारगाह में पेश करके सुकून के साथ दिल और रुह के जरिए से बातें करता है और अपने हाल को बयां करता है।   दुआ यानी की अपने रब अजवजल्लाह यानी की पाक परवरदिगार की तारीफ करना और जो बातें या जो हाल  दुनिया में किसी से भी ना कह सके वो बातें अल्लाह पाक के साथ करना और अपने दिल के सारे राज अपने रब के हुजूर पेश करना। दुआ भी एक तरीके से इबादत ही हैं और अल्लाह पाक को सबसे ज्यादा पसंदीदा चीज ये को बंदा अपने रब से मांगे और अल्लाह अजवजल्लाह अपने बंदे को उसके मांगने पर उसकी जायज हर मुराद , उम्मीद और हर जायज दुआ को कुबूल और मकबूल करें। हम इस पोस्ट में dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होे...

सिंधी मदाह शरीफ इन हिंदी लिरिक्स/Sindhi Maddah Sharif In Hindi Lyrics

सिंधी मदाह शरीफ इन हिंदी लिरिक्स/Sindhi Maddah Sharif In Hindi Lyrics सिंधी मदाह शरीफ के लिरिक्स से पहले आपको ये जान लेना जरूरी है की ये मदाह आखिर हैं क्या और मदाह किसे कहते हैं?  " मदाह " एक अरबी शब्द हैं जिसका मतलब होता हैं "किसी की प्रसंशा (तारीफ) (स्तुति) (बढ़ाई) करना।"  सिंधी मदाह शरीफ गौंशे आजम दस्तगीर की तारीफ में लिखी हुई मदाह हैं। जिसे कच्छ और सिंध के सब मुस्लिम पढ़ते हैं। इस मदाह शरीफ को खास तौर पर गौंशे आजम दस्तगीर की ग्यारहवीं के दिन यानी की हर माह की ग्यारहवीं को पढ़ा जाता हैं। और कुछ लोग इस मदाह शरीफ़ को हर रोज शाम को मगरिब के वक्त गौंशे आजम दस्तगीर के नाम का दिया जला कर दुआ मांग कर भी हर रोज पढ़ते हैं। इस मदाह शरीफ की बोहोत सी फजीलते भी हासिल हैं। ये सिर्फ एक मदाह शरीफ यानी की सिर्फ गौंशे आजम दस्तगीर की तारीफ ही नहीं बल्की तारीफ के साथ साथ गौंशे आजम दस्तगीर के मुरीद हो कर उनसे दुआ करने का बेहतरीन जरिया भी हैं। इस पूरी मदाह शरीफ में गौंशे आजम दस्तगीर से उनका मुरीद जो हैं वो अपने दिल के सारे हाल भी बयान कर रहा है और गौंशे आजम दस्तगीर ...

नात लिरिक्स -मुश्किल को मेरी हल करो - नात लिरिक्स इन हिंदी

मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली, नात लिरिक्स इन हिंदी। मुश्किल को मेरी हल करो - नात लिरिक्स इन हिंदी मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली, नात लिरिक्स इन हिंदी।  Poet: Zeeshan Abidi: Composition: Saiyad Raza Abbas Zaidi दिल को छू जाने वाली नात शरीफ है ये । अपनी मुश्किल में मौला अली मुश्किल कुशा को याद करते हुवे और दिल से मेहसूस करते हुवे इस नात को जरूर पढ़े। जिसके अल्फाज हैं, " मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली" । ऐ कुल के मददगार सरदारों के सरदार, मुश्किल कुशा हो मेरे मौला मेरे सरकार। गर तुम ना करोगे तो करम कौन करेगा, गर तुम ना सुनोगे तो मेरी कौन सुनेगा। जहरा की मुसीबत का तुम्हे वास्ता अली, मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली। मौला मेरी निगाहों को हासिल हो ये सरफ, जीते जी एक बार दिखा दो मुझे नजफ, सांसों का रुक न जाए कहीं सिलसिला अली। मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली। मुश्किल घड़ी है कीजिए आसान रास्ते, सब पर करम हो बाली सकीना के वास्ते। तुम बिन नहीं है कोई मेरा आशरा अली, मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली। अय किबरिया की शान मोहम्मद ...

दीनी मालूमात क्वाट्स इन हिंदी/किरदार की खूबसूरती /dini malumat quotes in hindi

दीनी मालूमात क्वाट्स इन हिंदी/किरदार की खूबसूरती /dini malumat quotes in hindi दीनी मालूमात क्वाट्स इन हिंदी - कुछ खास किरदार की खूबसूरती पर क्वाट्स इन हिंदी।👇 1 ✨किरदार देख कर लोग हो जाते हैं मुरीद,      हम ज़बरदस्ती दिलों पर कब्ज़ा नहीं करते। 2 ✨किरदार शिद्दत से निभाइये ज़िन्दगी में,      क्यूंकि कहानी एक दिन सभी को बन जाना है। 3✨बरसों सवारते रहें अपने किरदार को,     मगर कुछ बाजी मार गए अपनी सूरत सवार के। 4✨यूँ तो फिर कई किरदार होते हैं इंसान के,     पर, जो जैसा समझे बस वही बन जाता हैं इंसान। 5 ✨किरदार की अजमत को कभी गिरने मत देना,     क्यूंकि मौत के बाद एक यही चीज है जो याद बन कर रेहजाती हैं। 6✨लाख सजरे खंगाल लो साहब,     वास्ते पड़ते ही किरदार  सबके खुलते हैं। 7✨वजूद जितना भी हसीन हों किसिका,     आखिर किरदार बाजी मार ही जाता हैं। 8✨चढ़ता है नज़रो में शख्स तो बस अपने किरदार से ,      यूँ ही किसी इंसान की इज़्जत नहीं होती । 9 ✨किरदार अपना पहले बनाने की बात क...

Ya Nabi Salam Alayka-naat lyrics in hindi/या नबी सलाम अलैका-नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी

Ya Nabi Salam Alayka-naat lyrics in hindi/या नबी सलाम अलैका-नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी ये कलाम  Ya Nabi Salam Alayka-naat lyrics in hindi/या नबी सलाम अलैका-नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी  आका ए दो जहां मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम की बारगाह में सलाम पेश करने के लिए खास तौर पर पढ़ा जाता हैं।  बोहोत ही ख़ूबसूरत सलाम ( नात ) है जिसमे आका ए दो जहां मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम की दिल से, मोहब्बत से भरपूर बढ़ाई (तारीफ) की हैं और बंदा अपने लिए इस बढ़ाई (तारीफ) के जरिए अपने लिए दुआएं भी करता हैं। बोहोत ही प्यारा सलाम और हर आशिक की तरफसे दिलसे सलाम पेश करते हुवे ये रही नात की हिंदी लिरिक्स । Ya Nabi Salam Alayka-naat lyrics in hindi/या नबी सलाम अलैका-नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी👇 या नबी सलाम अलैका , या रसूल सलाम अलैका, या हबीब सलाम अलैका, सलवातुल्लाह अलैका। भेज दो अपनी अताएं,😌 बख्श दो सबकी ख़ताएँ🤲 दूर हो ग़म की घटाएँ,  वज्द में हम यूँ सुनाएँ, या नबी सलाम अलैका…...। या नबी सलाम अलैका , या रसूल सलाम अलैका, या हबीब ...

पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english

  पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon  Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english नात ख्वान ज़ोहेब अशरफ़ी की आवाज में बेहतरीन नात शरीफ  पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon  Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon  Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english हैं मेरे ख़यालों में वो एहसास की सूरत, मैं भूल जाऊं उनको ये मुमकिन ही नहीं है, दिल सुनके उनका नाम धड़कता है अदब से, हालांकि उन्हें आंख से देखा भी नहीं है! पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। यह उनकी रज़ा है मुझे भेजें मुझे रोकें, वापस मैं नहीं आऊंगा, सोचा तो यही है। पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। हैं गुंबदे ख़ज़रा के सिवा और भी जलवे, आंखों के लिए ख़ास, नज़ारा तो यही है। पहुचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। इज़हार ए ग़म ए हिज्...