पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english नात ख्वान ज़ोहेब अशरफ़ी की आवाज में बेहतरीन नात शरीफ पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english हैं मेरे ख़यालों में वो एहसास की सूरत, मैं भूल जाऊं उनको ये मुमकिन ही नहीं है, दिल सुनके उनका नाम धड़कता है अदब से, हालांकि उन्हें आंख से देखा भी नहीं है! पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। यह उनकी रज़ा है मुझे भेजें मुझे रोकें, वापस मैं नहीं आऊंगा, सोचा तो यही है। पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। हैं गुंबदे ख़ज़रा के सिवा और भी जलवे, आंखों के लिए ख़ास, नज़ारा तो यही है। पहुचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। इज़हार ए ग़म ए हिज्...
दीनी मालूमात/मियां-बीवी के एक-दूसरे पर हुकूक/miyaan biwi ke ek dusre par hukuk/dini malumat in hindi
दीनी मालूमात/मियां-बीवी के एक-दूसरे पर हुकूक/miyaan biwi ke ek dusre par hukuk/dini malumat in hindi
दीनी मालूमात/मियां-बीवी के एक-दूसरे पर हुकूक/miyaan biwi ke ek dusre par hukuk/dini malumat in hindi
सोहर और बीवी का रिश्ता बहुत ही नाजुक होता हैं। अगर भाई - भाई में दुश्मनी हैं, भाई बहन में दुश्मनी हैं, या फिर घर के किसी और रिश्ते में दुश्मनी है और मरते दम तक आपस में बात ना करें तब भी भाई भाई ही रहता हैं या बहन भाई ही रहेंगे। लेकिन मियां - बीवी का रिश्ता एक वाहिद रिश्ता होता हैं। जो अगर एक बार टूट जाएं तो हमेशा के लिए एक दूसरे के लिए हराम ही हो जाते हैं। यानी की बिलकुल ही अजनबी हो जाते हैं। यही वजह हैं की अल्लाह तआला को सबसे ज्यादा जो काम ना पसंदीदा है वो हैं मियां बीवी का अलग होना।
इस लिए आज कल वो सबसे ज्यादा काम जो अल्लाह तआला को ना पसंदिदा है वो मियां बीवी के रिश्ते में आम हो चुका हैं। इसलिए मियां - बीवी को चाहिए के मियां - बीवी के एक दूसरे पर हुकूक क्या हैं वो समझे। ताकि कुछ हद तक बिगड़े हुवे रिश्तों को सुधारा जा सके। या फिर नए जुड़ने वाले रिश्तों को सही तरीका मिल सके के वो अपने रिश्ते की नई शुरुआत कर सकें। जिसमें एक दूसरे के हुकूक को समझ कर वो रिश्ता एक मजबूत रिश्ता बन सकें, सुकून और इज्जत व अजमत देने वाला रिश्ता बन सकें।
एक नसीहत पर जरूर गौर करें।👇✨
"खूबसूरत अमल इंसान की शख्सियत बदल देता हैं,
और खूबसूरत अखलाक इंसान की जिंदगी बदल देता हैं।"
मियां-बीवी के एक-दूसरे पर हुकूक
✨🔵 मर्दों पर औरतों का वैसा ही हक है जैसा मर्दो का हक औरतों पर है, अलबत्ता मर्दो को एक दर्जा ज्यादा (फजीलत) हासिल है। इसलिए दोनों मियां बीवी अपने हुकूक को समझे,पर ज्यादा दर्जा सोहर का हैं।
✨🔵 मर्द हाकिम और मुहाफिज़ हैं औरतों पर इसलिये कि वह अपना माल खर्च करते हैं और वो बीवी के लिए हाकिम होता हैं।
✨🔵 जो नेक बीवियां होती हैं, वह अदब वाली और फरमाबरदार होती हैं। मर्दो के छिपे भेद (राज) और अपनी पाक दामिनी की हिफाजत करती है।
✨🔵 खैर और नेकी के कामों में मियां - बीवी को एक-दूसरे को ताकीद करना और रगबत दिलाना दोनों मियां बीवी पर वाजिब है। (अबु दाऊद-सही)
✨🔵 एक दूसरे की अजदवाजी जिन्दगी (आपसी रिश्तों) (पर्सनल बातों) के राज किसी और के ऊपर जाहिर न करना दोनों मियां बीवी पर वाजिब है। (मुस्लिम)
यानी की किसी तीसरे को मियां बीवी के राज का हकदार न बनाएं।
✨🔵 अपने-अपने दायरे कार में अपनी-अपनी जिम्मेदारियां पूरी करना दोनों मियां बीवी पर वाजिब है। (बुख़ारी)
✨🔵 मियां बीवी के बीच निकाह घर बसाने की नीयत से हो, मस्ती करने या अय्याशी की गरज से नहीं।
Comments
Post a Comment