पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english नात ख्वान ज़ोहेब अशरफ़ी की आवाज में बेहतरीन नात शरीफ पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english हैं मेरे ख़यालों में वो एहसास की सूरत, मैं भूल जाऊं उनको ये मुमकिन ही नहीं है, दिल सुनके उनका नाम धड़कता है अदब से, हालांकि उन्हें आंख से देखा भी नहीं है! पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। यह उनकी रज़ा है मुझे भेजें मुझे रोकें, वापस मैं नहीं आऊंगा, सोचा तो यही है। पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। हैं गुंबदे ख़ज़रा के सिवा और भी जलवे, आंखों के लिए ख़ास, नज़ारा तो यही है। पहुचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। इज़हार ए ग़म ए हिज्...
dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेनेका सही वक्त/दीनी मालूमात इन हिंदी
dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेनेका सही वक्त/दीनी मालूमात इन हिंदी
हम इस पोस्ट में हम जानेंगे dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेनेका सही वक्त/दीनी मालूमात इन हिंदी। दुआ एक ऐसी इबादत हैं जो अगर बंदा अपने आपको अपने रब की बारगाह में पेश करके सुकून के साथ दिल और रुह के जरिए से बातें करता है और अपने हाल को बयां करता है।
दुआ यानी की अपने रब अजवजल्लाह यानी की पाक परवरदिगार की तारीफ करना और जो बातें या जो हाल दुनिया में किसी से भी ना कह सके वो बातें अल्लाह पाक के साथ करना और अपने दिल के सारे राज अपने रब के हुजूर पेश करना।
दुआ भी एक तरीके से इबादत ही हैं और अल्लाह पाक को सबसे ज्यादा पसंदीदा चीज ये को बंदा अपने रब से मांगे और अल्लाह अजवजल्लाह अपने बंदे को उसके मांगने पर उसकी जायज हर मुराद , उम्मीद और हर जायज दुआ को कुबूल और मकबूल करें।
हम इस पोस्ट में dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेनेका सही वक्त/दीनी मालूमात इन हिंदी जानेंगे ताकि अगर किसी की दुआ कुबूल नही होती है और उसे अपनी दुआ को कुबूल करवाने के लिए सही तरीका नही पता हो तो ये बाते सीख के अपने दुआमांगने के तरीके में अगर कोई कमी हो तो वो भी पूरी कर सके। और सही तरीके से दुआ को मांगे ताकि हर जायज दुआ की कुबूलियत जल्द से जल्द हो सकें।
तो इस आर्टिकल को पुरा आख़िर तक पढ़ें अल्लाह से दुआमांगने का सही तरीका क्या हैं जानेंगे सही हदीस से और आप जानेंगे दुआ मांगने के क्या आदाब होते हैं।
अल्लाह से दुआ मांगने के लिए आप पहले वुजू कर लें । क्योंकि वुजू की हालत में दुआ मांगना बेहतर होता है। उसके बाद किबले की तरफ़ मुंह करके बैठ जाएं। बैठने का तरीका यह है कि जैसे हम किसी नमाज़ में अत्तहीयात की हालत में बैठते हैं उसी तरह हमें दुआ के लिए भी बैठना है। पालथी मारकर हरगिज़ ना बैठे, इसे बेअदबी माना जाता है। लेकिन आप किसी मजबूरी में हैं तो बैठ सकते हैं इसमें कोई हर्ज नहीं। पर बेहतर है के दो जान हो कर बैठे।
सबसे पहले बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम पढते हुए अपने दोनों हाथों को दुआ के लिए उठायें। सबसे पहले 3 बार दरूद शरीफ पढ़ें। फिर दुआ मांगते वक्त आप इस चीज का खास खयाल रखें की दुआ मांगने से पहले और बाद में दुआ मांगने के आखिर में भी 3 बार दुरूद शरीफ़ पढ़ें। ताकि आपकी दुआ आका अलयहि सलाम के सदके कुबुलियत की तरफ बन जाए। क्योंकि एक हदीस शरीफ़ में आया है की जो दुआ बगैर दरूद शरीफ के मांगी जाती है वह दुआ जमीन और आसमान के बीच मैं लटकती रहती है। और कबूल नहीं होती है । इस बारे में हदीस में आया है । इसलिए दुआ में दुरूद शरीफ़ का पढ़ना अफजल माना गया है ।
सबसे पहले दुआ में दुरूद शरीफ़ के बाद आप अल्लाह तआला की तारीफ़ बयां करें और उसमें अच्छे-अच्छे कलिमात पढ़े।
दुआ मांगते वक्त आपका ध्यान अल्लाह तआला की अजमत और कुदरत पर होना चाहिए।
फिर बड़े रहम करने वाले अल्लाह के सामने अपनी जरूरतों को पेश करें। जब आप दुआ कर रहे हो तो रो-रो कर गिड़गिड़ा कर अपनी दुआ को कबूल कराएं और सब कुछ मांगने के बाद दुआ के आखिर में दरूदे पाक पढ़ें।
दुआ मांगने का सबसे अफजल तरीका यह भी है की जो दुआ मांगे, वह हुजूर सल्लल्लाहू अलयही वसल्लम के वास्ते से कबूल करवाएं क्योंकि हुजूर का वास्ता दुआ कबूल होने का सबसे बड़ा जरिया है। जब दुआ पूरी हो जाए तो अपने दोनों हाथों को मुंह पर फेर लें, और दिल में ये यकीन करें कि दुआ जरूर कुबूल होगी। इन शा अल्लाह ।
अगर फिर भी दुआ की कुबूलियत का असर ना दिखे तो गमगीन ना हो। क्योंकि ये भी हदीस शरीफ से साबित है की आपकी की हुवी दुआ उसी सकल में कुबूल ना हूवी हो जो आपने मांगी हैं तो, हो सकता है के वो दुआ किसी और आने वाली मुसीबत की हिफाजत बन चुकी हो। या फिर वो दुआ हमारे हक में हमारे लिए बेहतर ना हो और उसके बदले में कुछ और अता कर दिया गया हो जो हमारी नजर में ना आया हो।
इसलिए अल्लाह पाक से हर हाल में खुश रहें और दुआ को मांगना कभी भी न छोड़े। बस अपने रब से मांगते रहें और ना उम्मीद कभी भी न रहें। क्योंकि जब भी सही वक्त होगा आपकी दुआ जरुर कुबूल भी होगी और इसका अजर भी इंशा अल्लाह बोहोत ही बेहतरीन है इसलिए दुआ की इस इबादत से आप जुड़े रहें।
दुआ कबूल होने का वक्त
रमजान के महीने में
जुम्मे के दिन की एक घड़ी
तहज्जुद के वक्त
सुबह के समय (फज्र) की फर्ज नमाज के बाद
सजदे में
अजान और अकामत के दरमियान
सेहरी के वक्त
रोजे की हालत में
कुरान मजीद की तिलावत के बाद
लैलत-उल-क़द्र (laylat-ul-Qadr) की रात
सफर में
जब आप मरीज को देखने जाते हैं
बारिश के दौरान
💐सबसे ज्यादा बेहतरीन वक्त जो दुआ की कुबुलियत का है वो है इफ्तार का वक्त। यानी की इफ्तार से पहले पहले के चन्द लम्हात जो सबसे ज्यादा अज़ीम हैं दुआ की कुबुलियत के लिए।
💐👇जाने एक छोटा सा वाकेआ ताकि आपको इस वक्त का अंदाजा लग सके के कैसे ये वक्त अज़ीम हैं।👇
💐 मुशा अलयहि सलाम ने अल्लाह तआला से पूछा या अल्लाह मैं जितना आपके करीब हूं उतना कोई और करीब हैं?
💐अल्लाह तआला ने फरमाया के मूसा आखरी वक्त में एक उम्मत आएग वोह उम्मत मोहम्मद सल्ललाहो अलयहि व सल्लम की उम्मत होगी ।
💐 और उस उम्मत को एक महीना ऐसा मिलेगा जिसमे वो सूखे होठ, प्यासी जबान, सुखी हुवी आंखें, भूखे पेट, जब इफ्तार करने बैठेंगे तब में उनके बोहोत करीब रहूंगा।
💐 मूसा तुम्हारे और मेरे बीच मे 70 परदो का फासला हैं लेकिन इफ्तार के वक्त उन उम्मती और मेरे बीच मे एक भी परदे का फासला नहिं होगा। और जो दुआ वो मांगेंगे वोह कुबूल करना मेरी जिम्मेदारी रहेगी।❤️
तो ये थी मेरी पोस्ट dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt/दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेनेका सही वक्त/दीनी मालूमात इन हिंदी । उम्मीद करती हूं आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी। इस दीनी मालूमात की खिदमत को आम करें और दुसरो तक पहोंचाए ताकि आप भी दिन की खिदमत में हिस्सेदार बन सकें।
हाल ए दिल किसको सुनाए,,,, नात शरीफ लिरिक्स इन हिंदी।। हाल ए दिल किसको सुनाए एक बोहोत ही खूबसूरत नात शरीफ के कलाम है जिसको यहां पर मैने हिंदी लिरिक्स में लिखा है।। दिल को छू जाने वाले कलाम और दर्द मंदो के दिल की आवाज जो हमारे नबी से दिल के अल्फाज के जरिए से बयां किए गए है।। कभी कभी दुआ को हम अपने अल्फाज से बोल कर बयां नहीं कर सकते पर तब ऐसी नात या कलाम के ज़रिए से हम अपने आका के सामने अपने दिल की सारी ख्वाहिश रख दिया करते है।। हमारा सिर्फ जुबान से दुआ मांगना और इसके साथ साथ दिल की आवाज और अपने अश्कों के जरिए ऐसी कलाम को सुनकर या पड़कर दुआ मांगना ऐसा है जैसे कोई गिफ्ट पैक करके उसे डेकोरेट करके किसीके सामने पेश किया जाए।। जैसे की गिफ्ट बेहतरीन अंदाज के साथ किसीको दी जाए तो लेने वाले की खुशी दुगनी हो जाती है,, बिलकुल वैसे ही ऐसी नात शरीफ को सुनकर या इस को पड़कर दुआ मांगना यानी की अपने अल्फाज , अश्क, दिल , अपने हाल, अपने दिमाग, और अपनी ख्वाहिसात के साथ दुआ मांगना है।।। और यकीन मानिए अगर इन सब फीलिंग के साथ आप कोई भी नात अगर पड़ेंगे तो आपको...
सिंधी मदाह शरीफ इन हिंदी लिरिक्स/Sindhi Maddah Sharif In Hindi Lyrics सिंधी मदाह शरीफ के लिरिक्स से पहले आपको ये जान लेना जरूरी है की ये मदाह आखिर हैं क्या और मदाह किसे कहते हैं? " मदाह " एक अरबी शब्द हैं जिसका मतलब होता हैं "किसी की प्रसंशा (तारीफ) (स्तुति) (बढ़ाई) करना।" सिंधी मदाह शरीफ गौंशे आजम दस्तगीर की तारीफ में लिखी हुई मदाह हैं। जिसे कच्छ और सिंध के सब मुस्लिम पढ़ते हैं। इस मदाह शरीफ को खास तौर पर गौंशे आजम दस्तगीर की ग्यारहवीं के दिन यानी की हर माह की ग्यारहवीं को पढ़ा जाता हैं। और कुछ लोग इस मदाह शरीफ़ को हर रोज शाम को मगरिब के वक्त गौंशे आजम दस्तगीर के नाम का दिया जला कर दुआ मांग कर भी हर रोज पढ़ते हैं। इस मदाह शरीफ की बोहोत सी फजीलते भी हासिल हैं। ये सिर्फ एक मदाह शरीफ यानी की सिर्फ गौंशे आजम दस्तगीर की तारीफ ही नहीं बल्की तारीफ के साथ साथ गौंशे आजम दस्तगीर के मुरीद हो कर उनसे दुआ करने का बेहतरीन जरिया भी हैं। इस पूरी मदाह शरीफ में गौंशे आजम दस्तगीर से उनका मुरीद जो हैं वो अपने दिल के सारे हाल भी बयान कर रहा है और गौंशे आजम दस्तगीर ...
दीनी मालूमात क्वाट्स इन हिंदी/किरदार की खूबसूरती /dini malumat quotes in hindi दीनी मालूमात क्वाट्स इन हिंदी - कुछ खास किरदार की खूबसूरती पर क्वाट्स इन हिंदी।👇 1 ✨किरदार देख कर लोग हो जाते हैं मुरीद, हम ज़बरदस्ती दिलों पर कब्ज़ा नहीं करते। 2 ✨किरदार शिद्दत से निभाइये ज़िन्दगी में, क्यूंकि कहानी एक दिन सभी को बन जाना है। 3✨बरसों सवारते रहें अपने किरदार को, मगर कुछ बाजी मार गए अपनी सूरत सवार के। 4✨यूँ तो फिर कई किरदार होते हैं इंसान के, पर, जो जैसा समझे बस वही बन जाता हैं इंसान। 5 ✨किरदार की अजमत को कभी गिरने मत देना, क्यूंकि मौत के बाद एक यही चीज है जो याद बन कर रेहजाती हैं। 6✨लाख सजरे खंगाल लो साहब, वास्ते पड़ते ही किरदार सबके खुलते हैं। 7✨वजूद जितना भी हसीन हों किसिका, आखिर किरदार बाजी मार ही जाता हैं। 8✨चढ़ता है नज़रो में शख्स तो बस अपने किरदार से , यूँ ही किसी इंसान की इज़्जत नहीं होती । 9 ✨किरदार अपना पहले बनाने की बात क...
मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली, नात लिरिक्स इन हिंदी। मुश्किल को मेरी हल करो - नात लिरिक्स इन हिंदी मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली, नात लिरिक्स इन हिंदी। Poet: Zeeshan Abidi: Composition: Saiyad Raza Abbas Zaidi दिल को छू जाने वाली नात शरीफ है ये । अपनी मुश्किल में मौला अली मुश्किल कुशा को याद करते हुवे और दिल से मेहसूस करते हुवे इस नात को जरूर पढ़े। जिसके अल्फाज हैं, " मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली" । ऐ कुल के मददगार सरदारों के सरदार, मुश्किल कुशा हो मेरे मौला मेरे सरकार। गर तुम ना करोगे तो करम कौन करेगा, गर तुम ना सुनोगे तो मेरी कौन सुनेगा। जहरा की मुसीबत का तुम्हे वास्ता अली, मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली। मौला मेरी निगाहों को हासिल हो ये सरफ, जीते जी एक बार दिखा दो मुझे नजफ, सांसों का रुक न जाए कहीं सिलसिला अली। मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली। मुश्किल घड़ी है कीजिए आसान रास्ते, सब पर करम हो बाली सकीना के वास्ते। तुम बिन नहीं है कोई मेरा आशरा अली, मुश्किल को मेरी हल करो मुश्किल कुशा अली। अय किबरिया की शान मोहम्मद ...
Ya Nabi Salam Alayka-naat lyrics in hindi/या नबी सलाम अलैका-नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी ये कलाम Ya Nabi Salam Alayka-naat lyrics in hindi/या नबी सलाम अलैका-नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी आका ए दो जहां मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम की बारगाह में सलाम पेश करने के लिए खास तौर पर पढ़ा जाता हैं। बोहोत ही ख़ूबसूरत सलाम ( नात ) है जिसमे आका ए दो जहां मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलयहे वसल्लम की दिल से, मोहब्बत से भरपूर बढ़ाई (तारीफ) की हैं और बंदा अपने लिए इस बढ़ाई (तारीफ) के जरिए अपने लिए दुआएं भी करता हैं। बोहोत ही प्यारा सलाम और हर आशिक की तरफसे दिलसे सलाम पेश करते हुवे ये रही नात की हिंदी लिरिक्स । Ya Nabi Salam Alayka-naat lyrics in hindi/या नबी सलाम अलैका-नात लिरिक्स इन हिंदी/नात लिरिक्स इन हिंदी👇 या नबी सलाम अलैका , या रसूल सलाम अलैका, या हबीब सलाम अलैका, सलवातुल्लाह अलैका। भेज दो अपनी अताएं,😌 बख्श दो सबकी ख़ताएँ🤲 दूर हो ग़म की घटाएँ, वज्द में हम यूँ सुनाएँ, या नबी सलाम अलैका…...। या नबी सलाम अलैका , या रसूल सलाम अलैका, या हबीब ...
पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english नात ख्वान ज़ोहेब अशरफ़ी की आवाज में बेहतरीन नात शरीफ पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english पहुंचूं दरे सरकार पे नात लिरिक्स इन हिंदी/इंग्लिश/ Pahuchoon Dare Sarkar Pe Chaha To Yahi Hai Lyrics in hindi/english हैं मेरे ख़यालों में वो एहसास की सूरत, मैं भूल जाऊं उनको ये मुमकिन ही नहीं है, दिल सुनके उनका नाम धड़कता है अदब से, हालांकि उन्हें आंख से देखा भी नहीं है! पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। यह उनकी रज़ा है मुझे भेजें मुझे रोकें, वापस मैं नहीं आऊंगा, सोचा तो यही है। पहुंचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। हैं गुंबदे ख़ज़रा के सिवा और भी जलवे, आंखों के लिए ख़ास, नज़ारा तो यही है। पहुचूं दरे सरकार पे चाहा तो यही है, आगे मेरी तक़दीर है, तमन्ना तो यही है। इज़हार ए ग़म ए हिज्...
Hello Meri Har EK Dua ko Kabul karte hain aur karte rahenge Sabki duaon ko
ReplyDeleteMash Allah allah apko jajaye khair ata kare
ReplyDeleteAameen jazakallah😌
DeleteAllah hu akbar. Allah jo chahe hamare bhala ke liye chahta hai. Ameen
ReplyDeleteMashaallha bahut acchi baat hai
ReplyDeleteJazakallahu khaira
DeleteAlhamdulillah mene aaj or ek achi baat shikhi 🥺
ReplyDeleteSukriyaaa✨
DeleteMasha Allah subhanallah
ReplyDeletealhamdulillah